RANCHI: रांची में बैंक लूट की बढ़ती वारदातों को देखते हुए पुलिस ने गुरुवार को इसका मॉक ड्रिल किया, तो बैंक लूट कर भाग रहे अपराधियों को ट्रैफिक पुलिस ने ही थोड़ी दूरी पर पकड़ लिया। बरियातू स्थित केनरा बैंक में पुलिस वालों को ही ग्राहक बना कर बैठाया गया था और उसे लूटने का नाटक करने वाले भी पुलिस के ही जवान थे। मॉक ड्रिल को खुद सिटी एसपी किशोर कौशल लीड कर रहे थे। उन्होंने बताया कि यह इसलिए किया गया कि पुलिस अलर्ट रहे और यह पता चल सके कि अगर हकीकत में ऐसी लूट हो जाए तो उसे कितनी देर में पकड़ा जा सकता है।

ऐसे हुआ रिहर्सल

कुछ पुलिस जवान लुटेरे के रूप में बैंक के अंदर घुसे और हथियार का भय दिखाकर ग्राहक से सात लाख रुपए लूट कर भाग निकले। इसकी सूचना पुलिसकर्मियों को दी गई। बाइक पर लुटेरे भागते हुए थोड़ी दूर जैसे ही राम मंदिर के पास पहुंचे, उनका पीछा कर रहे टाइगर मोबाइल और दो ट्रैफिक सिपाहियों ने उन्हें पकड़ लिया। सभी को पकड़ कर गोंदा थाने लाया गया। यहां आने पर मॉक ड्रिल का राज खुला तो सभी चकित होकर रह गए।

ये बने थे लुटेरे

राजकुमार पांडे और विनय कुमार झा

लुटेरों के पीछे उनके साथी

दीपक कुमार, प्रवीण तिवारी, शंभू कुमार, सुरेश अधिकारी व कृष्ण उरांव।

इनसे हुई थी लूट

फुलेश्वर साहू

इन बाइक का हुआ यूज

लुटेरे हीरो की अचीवर गाड़ी से थे। अपराधियों के सहयोगी बने पुलिसकर्मी हीरो होंडा स्पलेंडर और पैशन प्रो बाइक से थे।

लुटेरों को पकड़ने वाले होंगे पुरस्कृत

कांके रोड में सीएम आवास के समीप श्री राममंदिर चौक पर तैनात पुलिसकर्मियों को रांची पुलिस पुरस्कृत करेगी। 7 लाख की डेमो लूट कर भागने वाले अपराधी बने पुलिसकर्मियों को पकड़ने में इन पुलिसकर्मियों ने अहम भूमिका निभाई। इनमें शशिकांत कुमार, राजेंद्र कुमार, पंकज कुमार व सरोज शर्मा शामिल हैं।

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पर है थोड़ा खतरा भी है

मॉकड्रिल से रांची पुलिस को यह तो आभास हुआ कि आखिर लुटेरे पकड़े गए। लेकिन रांची पुलिस को यह नहीं भूलना चाहिए कि अपराधी हथियार के साथ रहते हैं। ऐसे में यदि ट्रैफिक पुलिस उन्हें पहचान कर रोकती भी है, तो उन पर खतरा रहेगा। क्योंकि वे निहत्थे होते हैं।