-जिले के कई थानों के लिए आये बॉडी कैमरों का नहीं हो रहा कोई इस्तेमाल

-थानों में मुंशियों को कैमरे पहनकर फरियादियों की पुकार सुनने के थे निर्देश लेकिन जमा हो गए मालखाने में

VARANASI

पुलिस भी अपनी गर्दन को बचाने और जेब गर्म करने के लिए क्या क्या ट्रिक नहीं निकालती तभी ता थानों में तैनात मुंशियों ने कुछ दिन पहले आये उन बॉडी कैमरों को शायद थाने के मालखाने में जमा कर दिया है जिनको पहनकर उन्हें फरियादियों की पुकार सुननी थी। शायद ये कैमरे उस ऊपरी कमाई में दिक्कत पैदा कर रहे थे जो मोबाइल चोरी से लेकर अन्य छोटे मोटी घटनाओं की तहरीर देने के लिए थाने आने वाले पीडि़तों से इनको होती है।

शासन स्तर से आये थे कैमरे

दरअसल पिछली सरकार में पुलिस को एडवांस बनाने के क्रम में शासन से जिले में आठ बॉडी कैमरे भेजे गए थे। इन कैमरों में से कुछ ग्रामीण व कुछ सिटी के थानों को दिए गए थे। आदेश था कि इन कैमरों को मुंशी पहनकर अब ड्यूटी करेंगे। ये सब सिर्फ इसलिए क्योंकि पुलिस के खिलाफ शिकायत लेकर पहुंचने वाले गलत बर्ताव का आरोप लगाते हुए अधिकारियों संग शासन तक शिकायत कर रहे थे। इसी को रोकने के लिए ये बॉडी कैमरे फ‌र्स्ट फेज में थानों को देकर ट्रायल किया गया था। लेकिन जिन थानों को ये कैमरे दिये गये थे वहां तैनात मुंशियों ने इस उतार फेंका है और पीडि़त अब भी दर दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं।

उपद्रव होने पर होना था यूज

इन कैमरों का इस्तेमाल थानों के अलावा ऐसी जगहों पर भी होना था जहां उग्र प्रदर्शन हो रहा है। जैसे कोई चक्काजाम या किसी उपद्रव में। पुलिस का प्लैन था कि इन कैमरों की मदद से उपद्रवियों को ट्रेस कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी लेकिन इस तरह की घटना के होने के बाद किसी भी स्पॉट पर आज तक ये कैमरे नहीं दिखे। जिसके बाद इन कैमरों के होने पर सवाल उठने लगे हैं। वहीं इस बाबत पूछे जाने पर एसपीआरए आशीष तिवारी का कहना है कि बॉडी कैमरे हैं और उनका इस्तेमाल भी होता है।