RANCHI: पुलिस न गवाहों को थाने बुलाई और न ही उनके घर गई। फिर भी केस डायरी में उनके बयान दर्ज हो गए और अनुसंधानकर्ता ने केस डायरी कोर्ट को भी सौंप दी। इसके बाद अदालत ने एक आरोपी को जेल से जमानत पर रिहा कर दिया। पुलिस द्वारा केस डायरी में गवाहों के बयान खुद लिखने का यह मामला चतरा जिले के टंडवा थाना पुलिस से जुड़ा है, जिसका खुलासा आईनेक्स्ट की पड़ताल में हुआ है। गौरतलब हो कि ख्ब् दिसंबर की रात कुंडी गांव में सीताराम साव का विजय जुलूस निकला था। इसमें हुलासी साव की बेटी चिंता कुमारी को शामिल करने के लिए चिंता कुमारी व उनकी मां राधा देवी के साथ मारपीट की गई थी। इसके बाद जब हुलासी साव टंडवा थाने में मामला दर्ज कराने गए, तो उनके घर को जला दिया गया।

बोले गवाह-नहीं दिया बयान

टंडवा पुलिस ने कोर्ट में जो केस डायरी सौंपी है, उसमें पांच गवाहों के बयान दर्शाए गए हैं। इनमें पीडि़त पक्ष के दो और गांव के स्वतंत्र साक्षी के तौर पर तीन गवाहों के बयान दर्ज हैं। जबकि केस डायरी में जिन गवाहों के नाम दर्ज हैं, उन्होंने पुलिस द्वारा किसी भी पूछताछ या गवाही लेने से साफ इनकार कर दिया है। पीडि़त पक्ष से पुलिस ने पीडि़ता चिंता कुमारी, उसकी चाची जुगली देवी का बयान केस डायरी में दर्शाया है, वहीं स्वतंत्र गवाह के रूप में गांव का ही चूरामन साव, पूरन गंझू, कामेश्वर साव व मुखिया पति बहादुर उरांव है, इन लोगों ने किसी भी प्रकार की गवाही देने से इनकार कर दिया।

रांची में रह रहे तीन गवाह

इधर, चिंता कुमारी व उनकी चाची जुगली देवी का कहना है कि घटना के दिन से ही वे दोनों रांची में बीमार राधा देवी का इलाज करवा रही थीं। पुलिस को इन लोगों ने किसी प्रकार की गवाही नहीं दी है। वहीं, जिस चूरामन साव का बयान पुलिस ने केस डायरी में स्वतंत्र गवाह के रूप में दर्ज किया है, वे रांची में ही रहकर कुली का काम कर रहे हैं। पुलिस ने जिन-जिन गवाहों का बयान लिया है, उन सभी ने एकमत होकर कहा है कि उनसे कोई पूछताछ नहीं की गई है।

आरोपियों को क्लीन चिट, पीडि़त से कुबुलवाया जुर्म

इस संबंध में चूरामन साव का कहना है कि घटना के दिन वह गांव में मौजूद था। लेकिन, वह दूसरे दिन ही रांची आ गया। यहां आने के बाद वह काम काज में जुट गया। इसी दौरान उसे पता चला कि उसका बयान केस डायरी में अंकित किया गया है। ऐसे में सभी ने पुलिस की इस कार्यशैली पर सवाल उठा दिए हैं। इतना ही नहीं, केस डायरी में जिन आरोपियों ने घर जलाए, उसे क्लीन चिट दे दी गई है और गवाह से पीडि़त द्वारा खुद घर जलाने की बात कहलवा दी।

क्या था घटना

जानकारी के मुताबिक, चतरा जिले के टंडवा थाना क्षेत्र के कुंडी गांव में ख्ब् दिसंबर, ख्0क्भ् की रात सीताराम साव के विजय जुलूस में उसी गांव के बाबूलाल साव के बेटे सकेंद्र व अन्य द्वारा हुलासी साव की बेटी चिंता कुमारी को शामिल किया जा रहा था। जिसका विरोध चिंता देवी ने किया, तो सकेंद्र साव ने उसकी पिटाई कर दी। बेटी से ज्यादती की खबर मिलने पर घटनास्थल पर पहुंची हुलासी साव की पत्‍‌नी राधा देवी को भी लोगों ने पीट-पीट कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। इसके बाद हुलासी अपने पुत्र अभिषेक कुमार, बेटी चिंता कुमारी, भाभी जुगली देवी व अन्य के साथ टंडवा थाना पहुंचे और मामला दर्ज कराया। लेकिन, जब वे लोग गांव पहुंचे तो अपना घर जला हुआ पाया। आरोप लगाया गया था कि बाबूलाल साव व उसके समर्थकों द्वारा हुलासी साव के घर को जला दिया गया।

क्वोट

यदि टंडवा पुलिस ऐसा काम की है, तो यह गंभीर मामला बनता है। इस कांड की जांच डीएसपी से कराई जाएगी। जांच में जो भी पुलिस पदाधिकारी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

-अंजनी कुमार झा, एसपी, चतरा