- चौक में डकैती की वारदात के बाद पुलिस से पहले स्पॉट पर पहुंच गई थी पब्लिक, बदमाशों के फुट प्रिंट से लेकर फिंगर प्रिंट में उलझी जांच

- महज तीन कर्मचारियों के होने के बाद मौके से मिले दस से ज्यादा अंगुलियों के निशान

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किसी भी बड़ी वारदात के बाद पुलिस की तरफ से मामले की इंवेस्टिगेशन को लेकर बरती जाने वाली लापरवाही ठठेरी बाजार में सर्राफा कारोबारी के यहां हुई डकैती के मामले में भारी पड़ सकती है। वजह हर वारदात के बाद स्पॉट को सील न करते हुए पब्लिक की चहलकदमी फारेंसिक टीम के लिए परेशानी बढ़ा देती है और ऐसा ही कुछ यहां पर भी हुआ है। सोर्सेज के मुताबिक डकैती की भीषण वारदात के बाद भी पुलिस ने न ही स्पॉट का सील किया और न ही पब्लिक को मौका-ए-वारदात तक पहुंचने से रोका। जिसके कारण फारेंसिक टीम को वो सुराग नहीं मिल सके जिसके लिए एक्सपर्ट की टीम वहां पहुंची थी।

अंगुलियों संग पैरों ने फंसाया

सोर्स के मुताबिक ठठेरी बाजार में संजय अग्रवाल के यहां हुई 12 किलो सोने की डकैती के मामले में फारेंसिक टीम अब इस बात को लेकर परेशान है कि मौके पर मिले उंगलियों और फुटप्रिंट आखिर हैं किसके? दरअसल घटना के कुछ ही देर बाद पुलिस के पहुंचने से पहले पीडि़त के घर की महिलाओं संग आस पास के कई दुकानदार वहां पहुंच चुके थे। आलमारी से लेकर काउंटर और दूसरी चीजों पर बाद में पहुंची पुलिस संग फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट की टीम ने जब जांच शुरू की तो एक के बाद एक दस से ज्यादा फिंगरप्रिंट मौके से मिले। वहीं फुटप्रिंट तो इतने सारे थे कि उसको ले पाना ही संभव नहीं हो सका। वहीं जब जांच हुई और ये पता चला कि फर्म में सिर्फ तीन ही कर्मचारी मौजूद थे लेकिन उंगलियों के निशान दस से ज्यादा लोगों के मिले हैं।