BAREILLY: BAREILLY: जब भी कोई वारदात या एक्सीडेंट होता है तो अधिकांश मामलों में पुलिस सबसे पहले मौके पर मदद के लिए पहुंचती है। पुलिस घायल को हॉस्पिटल भी पहुंचाती है, लेकिन मौके पर घायल को किस तरह से फ‌र्स्ट एड देना है और उसे किस तरह से वहां से उठाकर हॉस्पिटल पहुंचना है, इसकी जानकारी न होने से घायल के और गंभीर होने या फिर जान जाने का खतरा बना रहता है। कई बार घायल को सही से न उठाने पर टूटी हड्डी और टूटने का डर रहता है। इन्हीं बातों का ध्यान रखने के लिए संडे को पुलिस लाइंस में फ्00 पुलिसकर्मियों व अधिकारियों को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के डॉक्टर्स के द्वारा ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग में ट्रैफिक पुलिस, सिविल पुलिस, चीता मोबाइल व यूपी क्00 के जवान माैजूद रहे.

 

डॉक्टर्स ने प्रैक्टिकल करके भी दिखाया

पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग के दौरान डॉक्टर्स ने पुलिसकर्मियों को पहले तो मौखिक जानकारी दी। उसके बाद उन्हें प्रैक्टिकल करके भी दिखाया। कई पुलिसकर्मियों ने डॉक्टर्स से सवाल भी किए जिनका डॉक्टर्स ने जबाव दिया। इस मौके पर एसपी ट्रैफिक कमलेश बहादुर, डिप्टी सीएमओ अशोक कुमार, आथोपेडिक सर्जन डॉ। संजय, फिजीशियन सौरभ सिंह, टीएसआई मनोज पटेल व अन्य मौजूद रहे।

 

-डॉक्टर्स ने बताया कि जब किसी घायल के सिर पर चोट लगी हो तो सबसे पहले ब्लीडिंग रोकने का प्रयास करें। इसके लिए उसके सिर को ऊंचा रखा जाए।

-यदि घायल के पैर, हाथ या रीढ़ की हड्डी टूटी लगे तो उस हिस्से को किसी से बांध देना चाहिए और सावधानी से उठाएं, ताकि टूटी हड्डी और न टूटे

-यदि कोई पानी में डूबा हो तो उसे बाहर निकालकर सीपीआर यानी उसके सीने को दबाएं ताकि उसके लंग्स और हार्ट वर्क करने लगे

-एसिड अटैक हो तो उसपर दूध डालें ताकि जलन कम हो सके

 

पुलिसकर्मियों को फ‌र्स्ट एड की ट्रेनिंग दी गई है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने प्रैक्टिकल करके भी दिखाया।

कमलेश बहादुर, एसपी ट्रैफिक