-दबंगों से खुद की जान का भय भी सता रहा

UNNAO:

सरकारी विभागों की आपसी लड़ाई व काम न करने की आदत से कई बार पीडि़तों को जान तक गवानी पड़ती है। ऐसे मामले के फेर में सदर क्षेत्र के लोक नगर की महिला फंस गई है। जो अपनी जमीन पर कब्जा रुकवाकर न्याय पाने के लिए कभी तहसील तो कभी पुलिस के पास जा रही है। दोनों जगहों से उसे एक-दूसरे विभाग का मामला बताकर टरका दिया जाता है। वहीं महिला को विरोध के डर से जान का भय भी सताने लगा है।

सदर क्षेत्र की लोक नगर निवासी सुनीता देवी पत्नी राजेश कुमार ने बताया कि क्7 दिसंबर की सुबह प्लॉट की दीवार को कुछ कब्जेदारों ने जानबूझ कर गिरा दिया। पीडि़त महिला ने बताया कि बगल की जमीन के भू स्वामी मेरे प्लॉट की जमीन से रास्ता निकालना चाहते हैं, जो न्यायोचित नहीं है।

उपजिलाधकारी के आदेश को किया नजर अंदाज

मामले में खास बात ये रही कि उक्त भूमि के लिए जून ख्0क्फ् में उपजिलाधिकारी ने एक आदेश पारित किया था कि मौके पर जांच कर राजस्व के अनुसार काम किया जाए। जांच के बाद ही महिला ने दीवार का निर्माण करवाया था। एक साल बाद मौका पाकर दबंग कब्जेदारों ने दीवार गिराकर रास्ता निकालने की कोशिश की है। इस मामले पर कोतवाली में शिकायत करने गई पीडि़ता को यह कह कर लौटा दिया गया कि तुम लोग ऐसे कागज दिखाकर पुलिस का समय बर्बाद करते हो। पुलिस के इस बर्ताव से पीडि़त महिला ने बताया कि अब कहीं न्याय की उम्मीद नहीं दिख रही है। लगता है कि इस विरोध के चक्कर में कहीं किसी रोज अपनी जान से हाथ न गंवाना पड़ जाए।