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AGRA: AGRA: यह बात सटीक है। सराफा कमेटी के महामंत्री धनकुमार जैन के साथ हुए गोलीकांड में बैकफुट पर आई पुलिस अपनी बिगड़ी इमेज सुधारने में जुट गई है। शुक्रवार को कानूनी प्रक्रिया के तहत पुलिस अफसरों ने गोलीकांड में पहले जेल भेजे गए युवकों को निर्दोष साबित करने के लिए कोर्ट में फाइल दाखिल की है। इस मामले में डीआईजी आगरा रेंज ने एसएसपी को अपने आवास बुलाकर मामले की जानकारी ली है।

दोषी बख्शे नहीं जाएंगे: डीआईजी लक्ष्मी सिंह

डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने प्रेसवार्ता में बताया कि इस मामले में जो भी दोषी होंगे, उनको बख्शा नहीं जाएगा। निर्दोषों का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। डीआईजी ने कहा मीडियाकर्मियों के साथ पुलिस लाइन में जो कुछ हुआ। उसकी जांच की जा रही है। इस मामले की जांच एसपी प्रोटोकॉल कर रहे हैं। उनकी जांच रिपोर्ट मिलते ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

धनकुमार से नहीं टला खतरा

धनकुमार जैन पर अभी खतरा टला नहीं है। पुलिस गोलीकांड में शामिल रहे शातिरों शूटरों की तलाश में उनके ठिकाने खंगालने में जुटी हुई है। वहीं, दूसरी ओर गिरफ्तार किए विशाल अग्रवाल, अवधेश अग्रवाल, नरेन्द्र कुमार गोयल, रवि उर्फ टमाटर को रिमांड के बाद जेल भेज दिया। अब पुलिस को पारस गैंग के सक्रिय सदस्य राजेश शेट्टी उर्फ फौजी, सचिन कंजा, अमित और संजय की तलाश है।

एसएसपी से मिले योगेश गौतम के परिजन

पुलिस ने पहले खुलासे में जेल भेजे प्रॉपर्टी डीलर के परिजनों ने एसएसपी डॉ। प्रीतिंदर सिंह से मुलाकात की। उन्होंने अपना पक्ष रखा। सराफा कारोबारी गोलीकांड का कसूरवार मानकर दबोचे गए युवकों को निर्दोष बताया। इस पर एसएसपी ने उन्हें उचित जांच का भरोसा दिलाया। निष्पक्ष और उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया। योगेश गौतम के बड़े भाई राजकुमार गौतम ने बताया छोटे भाई योगेश और उसका नौकर निर्दोष है। वे धनकुमार जैन को जानते भी नहीं हैं। पुलिस ने एक नहीं सुनीं। उसको जेल भेज दिया। समूचे घटनाक्रम पर बड़ा सवाल ये है कि पुलिस की नासमझी से प्रॉपर्टी डीलर की समाज में मान प्रतिष्ठा का जो हनन हुआ है, उनकी मानसिक वेदना की भरपाई कैसे होगी। पुलिस की एक गलती ने उसे समाज में अपराधी करार दे दिया है।