Increasing cases in city

सिटी में फेसबुक पर फेक आईडी बनाकर लोगों को परेशान करने के केसेस लगातार बढ़ रहे हैं। इन केसेज में गल्र्स विक्टिम की संख्या ज्यादा है। पुलिस के रिकॉर्ड पर गौर करें तो आईटी एक्ट के तहत 19 केस बरेली में रजिस्टर्ड किए गए हैं। इसमें 11 केस फेसबुक पर फेक आईडी बनाने के हैं। इसके अलावा वीक में फेसबुक से जुड़ी तीन-चार कंप्लेन एप्लीकेशन साइबर सेल में पहुंच रही हैं। लास्ट ईयर इस तरह के मामले से बीसीबी के प्रिंसिपल आरपी सिंह भी नहीं बच पाए थे। उनकी भी फेक आईडी बना दी गई थी।

Misuse of photos

साइबर क्रिमिनल्स फेसबुक पर किसी भी पर्सन की प्रोफाइल पिक चोरी कर लेते हैं। इसके बाद उस पर्सन की फेक आईडी क्रिएट कर दी जाती है और इसका मिसयूज किया जाता है। यही नहीं फेक आईडी से फ्रेंड्स और बाकी लोगों को वल्गर मैसेजेस भी भेज दिए जाते हैं। इससे गल्र्स सबसे ज्यादा प्रॉŽलम में आ जाती हैं। कई बार तो राइवलरी के चलते क्लोज वंस ही प्राइवेट फोटोज को ऑनलाइन लीक कर देते हैं। प्रोफाइल पिक चोरी करने के अलावा कुछ साइबर क्रिमिनल्स फेसबुक आईडी हैक करके एफबी अकांउट का मिसयूज करते हैं।

इस तरह करेंगे track

सेल को कैलिफोर्निया से मिली डिटेल से फेक आईडी बनाने वाले क्रिमिनल्स को ट्रैक करने में काफी हेल्प मिलेगी। यही वजह है कि फेसबुक से जुड़े सभी केसेस पर साइबर सेल ने वर्क करना स्टार्ट कर दिया है। कहां से लॉग इन कर फेक आईडी बनाई गई, पुलिस उसे ट्रैक करेगी। इसके अलावा यूज मोबाइल नंबर से भी क्रिमिनल्स का पता लगाया जाएगा। डिटेल्स के जरिए सेल ऐसे क्रिमिनल्स के करीब पहुंच गई है। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही कुछ क्रिमिनल्स पुलिस की गिरफ्त में होंगे।