मास्टर-की से ओपन करते थे बाइक का लॉक

कोतवाली पुलिस ने चार वाहन चोरों को किया गिरफ्तार

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BAREILLY:

आप सेकेंड हैंड बाइक खरीद रहे हैं तो थोड़ा सावधानी जरूर बरतें। कहीं ऐसा न हो कि आपको चोरी की बाइक ओरिजिनल कागजात के साथ मिल जाए और फिर आप फंस जाएं। चोर कुछ ऐसा ही कारनामा कर रहे हैं। वह लोगों की बाइक को चोरी करते हैं। बाइक को बेचने के लिए चोर खुद को बाइक का मालिक और कागजात भाई के नाम होना बताते हैं। जब बात कागजात ट्रांसफर की बात आती है तो चोर कहते हैं कि भाई सऊदी अरब गए हैं। उनके आते ही कागजात ट्रांसफर हो जाएगा। पब्लिक की मदद से पुलिस ऐसे एक गिरोह का पर्दाफाश ि1कया है।

कैंट के रहने वाले हैं वाहन चोर

पुलिस गिरफ्त में आए चोरों की पहचान मोहनपुर कैंट निवासी अजीम और सोनू उर्फ हसमत जबकि चेतना कालोनी नकटिया निवासी सादिक और मोहम्मद कमल के रूप में हुई है। गैंग का मास्टर माइंड अजीम है। वह सादिक के साथ मिलकर बाइक चोरी करता था। दोनों के पास से कैंट, कोतवाली और बारादरी से चोरी हुई चार बाइक बरामद हुई है। पुलिस ने तीन अन्य युवकों को पकड़ा है उनमें कटीकुंइयां का रहने वाला दीनानाथ, अजीम का चचेरा भाई मुन्नू उर्फ नाहिद अहमद और अजीम से बाइक खरीदने वाला बिथरी चैनपुर निवासी संतराम है।

लगा चुके हैं हाफ सेंचुरी

पुलिस गिरफ्त में आए आरोपियों ने बताया कि अजीम के पास एक मास्टर-की रहती थी। वह मौका पाकर मास्टर-की से लॉक खोलकर बाइक लेकर फरार हो जाता था। बाइक पकड़ी न जाए इसके लिए बाइक के नंबर प्लेट में कुछ नंबरों को हल्का मिटा देते थे। वह ज्यादातर पैशन बाइक चोरी करते थे, क्योंकि इनका लॉक आसानी से ओपन हो जाता है। पुलिस की मानें तो वाहन चोरों का गैंग काफी बड़ा है। गैंग के मेंबर सिटी के अलग-अलग थाना एरिया कोतवाली, कैंट, बारादरी व अन्य जगह से बाइक चोरी करते थे। गैंग ने अब तक करीब बाइक चोरी की हॉफ सेंचुरी लगाई होगी। ये सभी बाइक बेची जा चुकी है। इन लोगों ने कैंट की रिसाल चौकी पर तैनात एसआई की भी बाइक पार कर दी थी।

वापस आने पर ट्रांसफर हाेंगे कागज

पुलिस हिरासत में आए संतराम ने बताया कि उसने ब्लू कलर की पैशन कुछ दिनों पहले ही अजीम से 10 हजार रुपए में खरीदी थी। अजीम ने बताया था कि बाइक उसके भाई की है। उसका भाई सऊदी अरब गया हुआ है। जैसे ही वह आएगा कागजात उसके ट्रंासफर कर दिए जाएंगे। उसने बाइक में रखे ओरिजनल कागजात भी दिए थे। संतराम पढ़ा-लिखा नहीं है। इसलिए अपने जानकार को कागज दिखाए तो उसने भी कहा कि असली कागज है। इसके चलते बाइक खरीद ली।

रूरल एरिया में बेचते थे बाइक

चोर बाइक में रखे कागजों का ही इस्तेमाल करते थे। इसकी वजह से बाइक खरीदने वाले को कोई भी शक नहीं होता था। संतराम की तरह जो भी बाइक खरीदता था वह कागज होने पर आसानी से बाइक खरीद लेता था। इसके अलावा चोर महंगी बाइक सस्ते दाम में जरूरत होने का बहाना बनाकर अधिकतर रूरल एरिया के लोगों को बेच देते थे।

पब्लिक गिरफ्त में आया गैंग

वाहन चोरों के गैंग को पकड़ना पुलिस के लिए काफी मुश्किल था। मंडे को 127बी/2 सिविल लाइंस कोतवाली निवासी किशन कुमार गिहलानी ने बाइक चोरी करते हुए अजीम और सोनू को रंगे हाथ पकड़ लिया था। फिर पुलिस ने दोनों की धुनाई कर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस ने दोनों से पूछताछ के बाद पूरे गैंग का पर्दाफाश कर तीन अन्य बाइक भी बरामद कर लीं।

सेकेंड बाइक लेते वक्त दें ध्यान

आप सेकेंड बाइक खरीद रहे हैं तो सिर्फ ओरिजनल कागजात देखकर ही बाइक न खरीद लें। आरटीओ ऑफिस जाकर एक बार तस्दीक कर लें कि उस नाम और नंबर कहीं बाइक चोरी कहीं कंप्लेन तो नहीं आई है। आप जब आरटीओ में बाइक की की डिटेल पूछेंगे और वह बाइक चोरी की होगी तो वहां असलियत खुल जाएगी।

वाहन चोरों के गैंग का पर्दाफाश किया गया है। चार वाहन चोर पकड़े गए हैं जिनके पास से 4 बाइक भी बरामद हुई हैं। सभी के नंबर सीडीआर पर लगाकर उनके अन्य साथियों का पता लगाया जा रहा है।

समीर सौरभ, एसपी सिटी बरेली