- महिलाओं, किशोरों के साथ होने वाले अपराधों पर प्रभावी कार्रवाई के लिए दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग से एक्सपर्ट ने दिए पुलिस वालों को टिप्स

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ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ : महिलाओं, किशोरों और बच्चों संग होने वाले अपराधों की जांच में पुलिस अक्सर लचर रवैया अपनाती है। जिसके कारण पीडि़त को न्याय मिलने में परेशानी होती है। पुलिस की ओर से ऐसे मामलों की जांच में कोई गड़बड़ी न हो और सब कुछ दुरुस्त रहे इसके लिए बुधवार को कमिश्नरी सभागार में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। दिल्ली के बाल अधिकार संरक्षण आयोग से आए सीनियर ऑफिसर की मौजूदगी में इस कार्यशाला में जोन के हर थाने से एक-एक एसआई, सीओ को महिला एवं संरक्षण से जुड़े विभागों के साथ तालमेल बैठाकर ऐसे अपराधों के वक्त काम करने के टिप्स दिए।

रखो ध्यान क्योंकि

बुधवार को कमिश्नरी सभागार खाकी से पटा दिखा। पूरे हॉल में सीओ और एसआईज चुपचाप बैठकर महिला एवं किशोरों के प्रति होने वाले अपराधों एवं महिला संबधी कानूनों व प्रक्रियात्मक कार्रवाई को लेकर स्पेशल टिप्स लेते दिखे। केन्द्र सरकार की ओर से चले इस स्पेशल वर्कशॉप में दिल्ली के बाल अधिकार संरक्षण आयोग के डायरेक्टर अनुपम मिश्र की मौजूदगी में पुलिस वालों को कई टिप्स दिए गए।

- यदि कोई बालक, बालिका, लावारिस स्थिति में मिले तो सम्बन्धित पुलिस थाना, चौकी की ओर से तत्काल उसे रिसीव कर उसका मेडिकल कराया जाये और अगर उसे इलाज की जरूरत हो तो उसका इलाज कर आगे की कार्रवाई की जाये

- यदि किसी नाबालिग के साथ रेप की घटना हो जाती है तो सम्बन्धित पुलिस अधिकारी की ओर से पीडि़ता को किसी महिला पुलिस अधिकारी की निगरानी में आवश्यक विधिक कार्रवाई कराई जाये

- यदि पुलिस महिला अधिकारी उपलब्ध न हो तो सम्बन्धित पुलिस अधिकारी की ओर से किसी एनजीओ अथवा सामाजिक संस्था की महिला कर्मचारी की मदद ली जाये

- विवेचक द्वारा नाबालिग बालक, बालिकाओं के विरुद्ध हुए अपराध की विवेचना बहुत ही सतर्कता व सजगता के साथ की जायेगी तथा विवेचना के दौरान सभी आवश्यक पहलुओं पर जांच पड़ताल अवश्य की जायेगी

- पीडि़ता को विधिक कार्रवाई के दौरान नारी निकेतन अलावा किसी सामाजिक संगठन की ओर से संचालित किसी संस्था में ही रखा जायेगा। किसी भी कंडीशन में पीडि़ता को थाने पर नहीं रखा जायेगा

- नाबालिग बालक या बालिकाओं के प्रति पुलिस अधिकारी का व्यवहार फ्रेंडली हो ताकि पीडि़त या पीडि़ता अपने साथ हुई किसी भी घटना के बारे में आसानी से बता सके

- नाबालिग बालक या बालिका से पुलिस सादे वस्त्र में ही पूछताछ करेगी और ये ध्यान दिया जाये कि पीडि़त के महिला होने पर उससे महिला पुलिसकर्मी ही पूछताछ करे