RANCHI : पांच साल तक के बच्चों को जो पोलियो की खुराक पिलाई जा रही है, उसमें स्वास्थ्य मानकों का खुलकर उल्लंघन हो रहा है। पोलियो ड्रॉप को जीरो डिग्री सेंटिग्रेड तापमान पर रखा जाना है, पर उसे नजरअंदाज किया जा रहा है। इतना ही नहीं, आइस बॉक्स में बर्फ की बजाय पानी में इसे रखा जा रहा है। इस बाबत नर्सो ने बताया उन्हें ट्रांजिट प्वाइंट पर ही पानी भरे आइस बॉक्स में रखी हुई पोलियो की खुराक दी गई

12 बजे बाद स्टाफ गायब

डोर डोर टू पोलियो ड्रॉप कैंपेन के तहत सोमवार को रेलवे स्टेशन पर स्पेशल कैंप लगाया गया। यहां रेल जर्नी कर रहे पांच साल तक के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलानी थी। लेकिन, दोपहर 12 बजे ही ड्यूटी पर तैनात नर्स और स्टाफ कैंप से चलती बनी। दोपहर बाद रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड समेत सार्वजनिक स्थलों पर पोलियो ड्रॉप पिलाने के लिए स्वास्थ्यकर्मी नजर नहीं आ रहे थे।

88 परसेंट बच्चों को ड्रॉप

पोलियो मुक्त अभियान के तहत सोमवार को घर घर जाकर पोलियो की खुराक पिलाई गई। दो दिनी अभियान में 4 लाख 18 हजार 881 बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाया गया। इसके लिए 3611 बूथ और 198 ट्रांजिट प्वाइंट बनाए गए थे। 58 मोबाइल टीम और 73 मेला बाजार के लिए स्पेशल बूथ बनाए गए थे। सिविल सर्जन ने बताया कि 87.92 परसेंट बच्चों को पोलियो की खुराक दी गई।

वीबीएम से होता मॉनिटर

वैक्सीन वायल मॉनिटर(वीबीएम)से पोलियो ड्रॉप्स की सेफ्टी का ध्यान रखा जाना सबसे जरूरी है। इसके लिए स्टेज बनाए गए हैं। स्टेज वन ड्रॉप्स के लिए सही मानक है। स्टेज टू आते आते तक ड्रॉप्स का यूज किया जाता है। स्टेज थ्री पोलियो ड्रॉप का खतरनाक स्टेज है। ऐसे में दवाओं का डिस्पोजल कर दिया जाता है।