-तब आरजेडी ने जनता के आठवें रिपोर्ट कार्ड के कवर पर गैंगरेप का सवाल उठाया था

-अंदर सूबे में आठ साल में 7804 रेप की घटनाओं का किया था जिक्र

- दूसरी तरफ पार्लियामेंट इलेक्शन 2014 के घोषणा पत्र में नारी सशक्तिकरण को ताकत देने की बात की थी

PATNA : महिलाओं की स्थिति सुधर रही है इसका दावा बिहार की सत्ता पर काबिज पार्टी जेडीयू करती रही है। दूसरी तरफ अभी जेडीयू के साथ मिलकर विधानसभा उपचुनाव लड़ने वाली पार्टी आरजेडी ने सरकार पर कई गंभीर आरोप तब लगाए थे जब उसकी जेडीयू से दोस्त नहीं थी। यहां दोनों सच देखिए।

आरजेडी ने ये आरोप लगाए थे

- आरजेडी ने नीतीश कुमार के खिलाफ जनता का रिपोर्ट कार्ड 8 जब जारी किया था तब कवर पेज पर गैंगरेप, राजधानी शर्मसार प्रकाशित किया गया था, जबकि अंदर के पेज पर दुष्कर्म पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान खबर का पेपर कटिंग छापा था। ये भी दिखाया गया कि सूबे में आठ साल में 780ब् दुष्कर्म हुए।

- समाज कल्याण विभाग की आलोचना करते हुए कहा गया था कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की नाबालिग कन्याओं के कल्याण के लिए विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना स्वीकृत की गई थी। इसके तहत दो हजार रुपए का निवेश यूटीआई सीपीपी म्यूचुअल फंड में नवजात कन्या के नाम पर किया जाना था, जिसकी परिपक्वता राशि उस कन्या को क्8 वर्ष की उम्र में भुगतेय थी। इसके तहत ख्म्8.7क् कोरड़ रुपए का म्यूचुअल फंड में निवेश अविवेकपूर्ण ढंग से बिना समुचित अनुश्रवण प्रणाली के बाजार के जोखिम पर किया। ये भी कहा गया कि बलात्कार की लगातार घटनाओं से बिहार का नाम देश भर में खराब हुआ। इसमें सत्ताधारी लोगों के शामिल होने की भी बातें सामने आईं।

- पिछले कुछ वर्षो में महिलाओं की इज्जत-आबरू से छेड़छाड़ और जघन्य अपराधों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। एक एमएलए की जान गई और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को उत्पीडि़त द्वारा थप्पड़ खाना पड़ा। उत्पीडि़त महिला को सीएम ने विक्षिप्त बतलाया। महिला विक्षिप्त थी तो प्रिंसिपल कैसे थी और क्या महिलाओं की इज्जत से खिलवाड़ करना जायज है? मुख्यमंत्री को यह स्पष्ट करना चाहिए था।

अब देखिए जेडीयू ने ख्0क्ब् के घोषणा पत्र में क्या कहा

- गरीब और वंचित तबकों की महिलाओं के विकास और सशक्तिकरण के लिए स्वयं सहायता समूह का निर्माण। जीविका परियोजना में क्0 लाख स्वयं सहायता समूहों के निर्माण का लक्ष्य है जिनमें क्भ् करोड़ महिलाओं की भागीदारी होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा के नीचे के परिवारों की आमदनी बढ़ाने का अवसर भी उपलब्ध होगा।

- वर्ष ख्00म् से पंचायती राज संस्थाओं और ख्007 से स्थानीय नगर निकायों में महिलाओं के लिए भ्0 परसेंट रिजर्वेशन।

- शिक्षकों की नियुक्ति में महिलाओं को भ्0 परसेंट रिजर्वेशन।

- सूबे में पहली बार महिला बटालियन की स्थापना।

- सूबे के सभी ब्0 पुलिस जिलों और चार रेलवे पुलिस जिलों में महिला पुलिस थानों की स्थापना और विभिन्न श्रेणियों के म्ब्7 नए पदों की स्वीकृति।

- पुलिस में सिपाही से उप-निरीक्षक तक की सीधी नियुक्ति में महिलाओं को फ्भ् परसेंट अतिरिक्त रिजर्वेशन।

- मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत अब तक फ्.ब्7 लाख लड़कियां लाभान्वित हो चुकी हैं।

- महिलाओं को अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम क्98म् और महिला हिंसा अधिनियम ख्00भ् में वर्णित सुरक्षा और संरक्षण उपलब्ध कराने के लिए राज्य के ख्क् जिलों में अल्पवास गृहों का संचालन किया जा रहा है। जनवरी ख्0क्ब् तक भ्फ्म्0 पीडि़त महिलाओं को संरक्षण दिया गया और ब्8ब्क् महिलाओं का पुनर्वास किया गया।

- सूबे के पांच कमिश्नरी मुख्यालयों पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, दरभंगा और गया में कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल निर्माण की सहमति। पटना और गया में हॉस्टल चल रहे हैं।

सच तो सच है

एक तरफ दावे हैं और दूसरी तरफ सच है कि महिलाओं से जुड़ी घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। राजधानी पटना में ही कई महिलाएं गायब हुई और बाद में उनकी लाश मिली। इस तरह की खबरें बिहार के कई इलाकों से आ रही हैं। शायद ही कोई ऐसा दिन हो जिस दिन बिहार में कहीं रेप नहीं हुआ हो। रेप की बड़ी घटनाएं उन महिलाओं के साथ ज्यादा हो रही हैं जो शौच के लिए सुबह खेतों की ओर जाती हैं। आत्महत्या के कई मामलों में तो अंत तक पर्दा नहीं उठ पाता कि आखिर ये घटनाएं क्यों बढ़ी हैं। नारी पूजन एक तरफ है और दूसरी तरफ महिलाओं को सताने की खबरें आ रही हैं। बात कामकाजी महिलाओं के हॉस्टल की करें तो इस सच का पर्दाफाश आई नेक्स्ट ने कुछ दिनों पहले किया था। पटना के इस हॉस्टल में एक भी महिला नहीं दिखी थी और सरकार के हजारों रुपए इस पर खर्च हो चुके हैं। लाखों के विज्ञापन अखबारों में इसके आए।