- साहूकारा में बिना परमिशन चल रही थी चांदी रिफाइनरी

BAREILLY:

किला थाना क्षेत्र साहूकारा में बिना परमिशन ही चल रहे चांदी रिफाइनरी को पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की टीम ने सैटरडे को सीज कर दिया। चार थानों की पुलिस के साथ पहुंची पीसीबी की टीम ने जब चांदी रिफाइनरी मालिक से कागजात मांगे तो दिखा नहीं सके, जिसके बाद बोर्ड ने रिफाइनरी को सीज कर दिया।

तालाबंदी के दिये थे आदेश

साहूकारा गेट के सामने गली में एक चार मंजिला इमारत में पिछले चार वर्ष से चांदी रिफाइनरी का काम हो रहा था, जिसने पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से परमिशन नहीं ले रखी थी। लोगों की शिकायत पर एनजीटी में 11 अगस्त को मामले की सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने 16 अगस्त को चांदी रिफाइनरी को बंद करने के निर्देश दिये थे, लेकिन इसके बाद भी रिफाइनरी मालिक विष्णु अग्रवाल ने फैक्ट्री को बंद नहीं किया।

पुलिस के साथ पहुंचे अफसर

जिसके बाद सैटरडे को क्षेत्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की टीम किला, कोतवाली, प्रेमनगर और सीबीगंज थाने की पुलिस के साथ चांदी रिफाइनरी पर सैटरडे को अचानक छापेमारी कर दी। पीसीबी अधिकारी एके चौधरी ने रिफाइनरी चलाने जाने की अनुमति के कागजात विष्णु अग्रवाल से मांगे तो वह दिखा नहीं सके, जिसके बाद चांदी रिफाइनरी को सीज कर दिया गया।

स्थानीय लोगों ने की थी शिकायत

मामले की शिकायत स्थानीय लोगों ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उसके बाद इस बात की शिकायत लोगों ने एनजीटी में की थी। लोगों का कहना था कि चांदी रिफाइनरी से निकलने वाला धुंआ से जीना मुहाल हो गया है, जिसके बाद एनजीटी ने चांदी रिफाइनरी को बंद करने के आदेश दिये थे।

चांदी रिफाइनरी बिना परमिशन के चल रही थी। रिफाइनरी मालिक ने लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था लेकिन उसे अस्वीकृत कर दिया गया था।

एके चौधरी, क्षेत्रीय अधिकारी, पीसीबी

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दो चीनी मिलें भी हो सकती हैं बंद

-पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने दो चीनी मिलों को बंद करने के दिए निर्देश

-एडीएम ई ने चीनी मिलों के अधिकारियों को किया तलब, मंडे को रखेंगे पक्ष

पॉल्यूशन कंट्रोल के नियमों के उल्लंघन में बरेली की दो चीनी मिलों पर भी बंदी की तलवार लटक गई है। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने चीनी मिलों को मानक पूरे न करने पर बंद करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में सैटरडे एडीएम ई एसपी सिंह ने जिला गन्ना अधिकारी और दोनों चीनी मिल के मैनेजर व अन्य अधिकारियों के साथ मीटिंग की। मीटिंग में दोनों चीनी मिलों के पदाधिकारियों को मंडे अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है। उसके बाद ही जिला प्रशासन आगे फैसला लेगा। जानकारी के मुताबिक पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने बहेड़ी और मीरगंज में स्थित चीनी मिलों में ईटीपी (इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट्सस) लगाने व अन्य मानकों को पूरा करने के निर्देश दिए थे लेकिन मिलों में लंबे समय तक इसका पालन नहीं किया है। इन मिलों का पानी नालों से होकर सहायक नदियों से होते हुए रामगंगा नदी में जाता है, जिसकी वजह से पानी गंदा हो रहा है।