-शहर में प्रदूषण जांच केंद्रों पर हो रही औपचारिकता

-बिना जांच पड़ताल के जारी कर दे रहे आनलाइन सर्टिफिकेट

GORAKHPUR:

शहर में नेशनल ग्रीन ट्4ियूनल की गाइडलाइंस का मा2ाौल बन रहा है। सड़कों पर दौड़ने वाले वाहनों के धुएं में पाल्युशन जांचने के नाम पर मजाक किया जा रहा है। आरटीओ कैंपस में प्रदूषण जांच केंद्र चलाने वाली प्राइवेट फर्म कायदे-कानून को ताक पर र2ाकर काम कर रही है। वाहनों की जांच पड़ताल कराए बिना आनलाइन पाल्युशन जांच रिपोर्ट जारी कर दी जा रही है। इस संबंध में आरटीओ के अफसर कुछ 5ाी कहने से बच रहे हैं। आरटीओ के अधिकारियों का कहना है कि प्राइवेट संस्थाओं को पाल्युशन जांच के लिए अथारिटी गवर्नमेंट की ओर से दी जाती है। इसका ठीक से अनुपालन हो रहा है कि नहीं, बिना शिकायत सामने आए जांच कराया जाना सं5ाव नहीं है।

1या है पाल्युशन जांच केंद्र, तलाशते रह जाएंगे।

शहर में वाहनों के धुओं की जांच करने वाले अधिकृत सेंटर की तलाश में पसीना निकल जाता है। आरटीओ कैंपस में एक एजेंसी की ओर से पेड़ के नीचे कंप्यूटर, प्रिंटर लगाकर पाल्युशन जांच रिपोर्ट दी जाती है। दैनिक जागरण- आई ने1स्ट ने जब जांच की हकीकत पर2ानी तो यह सामने आया कि बिना जांच किए ही रिपोर्ट बना दी जाती है। इसके लिए कोई जरूरी नहीं है कि आरटीओ में वाहनों को ले आया जाए। शुक्रवार दोपहर दैनिक जागरण आई ने1स्ट टीम आरटीओ कैंपस में पहुंची। रिपोर्टर ने सबसे पहले आरटीओ पूछताछ काउंटर पर संपर्क किया। काउंटर पर 2ाड़े लोग बेचन बाबू-बेचन बाबू कहकर 5ाीतर बैठे व्यक्ति से बातचीत कर रहे थे। रिपोर्टर ने पूछा कि 5ौया कार का पाल्युशन टेस्ट कराना है। तीन-चार बार पूछने पर अंदर बैठे व्यक्ति जिनको लोग बेचन बाबू कह रहे थे। उन्होंने इशारा किया। कहा कि वहीं पेड़ के नीचे चले जाइए। सौ रुपया लेकर रिपोर्ट बना देगा।

फोटो मंगा लीजिए बना दूंगा सिर्टफिकेट

आरटीओ ऑफिस के सामने कैंपस में एक निजी संस्था का बैनर टांगे युवक पाल्युशन जांच के लिए आने वाले ग्राहकों की राह ताक रहा था। रिपोर्टर उसे पहुंचकर प्रदूषण जांच के संबंध में बात करने लगा। पूछने पर बताया कि आरटीओ की ओर गीडा में जांच की जाती है। यहां जगह कम होने से कोई गाड़ी नहीं ले आता है। लेकिन जब रिपोर्टर ने उससे कहा कि वहां जाने में दि1कत होगी तो उसने कहा कि गाड़ी मत ले आइएगा। उसका फोटो मंगा लीजिएगा। हम सर्टिफिकेट जारी कर देंगे। युवक ने बताया कि आप को सौ रुपए की फीस देनी होगी। यह पूछने पर कितनी ओरिजनल फीस तो वह बात टालने लगा। उसने कहा कि जब रसीद कटेगी तब आप को बता दूंगा। इसके तुरंत बाद ही रिपोर्टर ने दूसरा सवाल दागा। पूछा कि 1या यह मान्य हो जाएगा। कोई इसको नकली तो नहीं कहेगा। तब पाल्युशन जांच कर रहे युवक ने कहा कि सर्टिफिकेट निकलने के बाद सब ओरिजनल हो जाता है।

इश्योरेंस में हुई थी रोकटोक

एनजीटी के एक आदेश में बिना प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट के वाहनों के इंश्योरेंस पर रोक लगा दी गई थी। जानकारों का कहना है कि एनजीटी ने 15 अगस्त के बाद इसे अनिवार्य बना दिया था। लेकिन शहर में इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं है। इंश्योरेंस से लेकर फिटनेस तक आसानी से मिल जाता है। आरटीओ कैंपस में चलने वाले 2ोल को दे2ाते हुए अधिकारी बगल से निकल जाते हैं। आरटीओ से जुड़े लोगों का कहना है कि प्रदूषण जांच के नाम पर कई बार विवाद हो चुका है।

परिवहन वि5ाग की साइट पर शहर में इतने केंद्र

मेसर्स गुरुनानक देव संस्थान, रुस्तमपुर

मेसर्स सु5ाष ट्रै1टर्स, धर्मशाला बाजार

मेसर्स राधा कृष्ण विमल कुमार लिमिटेड, रामगढ़ताल

मेसर्स अपर्णा सेवा संस्थान, सर्वोदय नगर, बगहा बाबा मंदिर

मेसर्स पुष्पा सेवा संस्थान, न्यू कालोनी महेवा

मेसर्स 5ाक्ति आटो सर्विस, 10 पार्क रोड

मेसर्स 5ाक्ति वेलफेयर सोसायटी दीवान बाजार

मेसर्स हरिश्चंद्र सेवा संस्थान, कालेपुर, पैडलेगंज,

मेसर्स शिवमूर्ति सेवा संस्थान, जगरन्नाथपुरी, बरहुआ विद्युत सब स्टेश्ान

वर्जन

दे2िाए ऐसी कोई शिकायत सामने नहीं आई है। वाहनों के प्रदूषण की जांच निजी फर्म को दी गई है। आरटीओ कैंपस में इस तरह का कोई 2ोल चल रहा है तो उसकी जांच कराई जाएगी।

एसआर पाल, एआरटीओ प्रशासन