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-मंगलवार को दर्ज किया गया तीन गुना से अधिक पॉल्यूशन लेवल

-दिसंबर में भी अच्छी नहीं थी स्थिति, मानक से कहीं अधिक था पॉल्यूशन

ALLAHABAD: अगर आप हार्ट आफ द सिटी सिविल लाइंस में हैं तो होशियार हो जाइए। यहां की जहरीली हवा आपको बीमार कर सकती है। यह हम नहीं कह रहे। बल्कि, मंगलवार को जारी पॉल्यूशन लेवल इस ओर इशारा कर रहा है। यही हालात शहर के अन्य इलाकों के भी हैं, जहां लोगों ने पूरी दिसंबर खतरनाक हवा में सांस ली। पॉल्यूशन डिपार्टमेंट शहर में चल रहे विकास कार्यो को इसका कारण मान रहा है।

कोहरे व स्मॉग से गंदी हुई हवा

लखनऊ रेलवे लाइन दोहरीकरण, फ्लाई ओवर का निर्माण सहित सीवर लाइन के लिए खोदी गई सड़कों ने शहर की आबोहवा को जमकर नुकसान पहुंचाया है। इसका ताजा उदाहरण मंगलवार को सिविल लाइंस का पॉल्यूशन लेवल रहा। घने कोहरे और स्मॉग के चलते पीएम टेन 365 दर्ज किया गया। जबकि 50 से 100 के बीच ही पीएम टेन को स्वस्थ व्यक्ति के लिए हानिकारक माना जाता है।

लगातार मैली हो रही है हवा

शहर की आबो हवा लगातार मैली होती जा रही है। सिविल लाइंस तो महज एक बानगी भर है। दिसंबर माह का पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का ग्राफ देखेंगे तो लगातार लोगों ने जहरीली सांस ली है। इस महीने में शहर के तमाम इलाकों का औसतन पाल्यूशन लेवल खतरे के निशान से काफी ऊपर रहा। धूल और मिट्टी के महीन कणों समेत जहरीली गैसें लगातार सांस, दिल और पेट की बीमारियों को बढ़ा रही हैं।

एक नजर में पाल्यूशन लेवल (दिसंबर के आंकड़े)

एरिया एक माह का औसत लेवल

लक्ष्मी टाकीज 357

अशोक नगर 235

अलोपीबाग 111

रामबाग 114

सिविल लाइंस 97

(बता दें कि 50 से 100 के बीच पीएम टेन को सामान्य व्यक्तियों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नही माना जाता है)

मानकों का पालन नही कर रही एजेंसियां

पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का मानना है कि विकास कार्यो के दौरान पाल्यूशन लेवल न बढ़े, इसके लिए तमाम शर्तो का पालन किया जाता है। सबसे पहले खोदी गई सड़कों पर मिट्टी या धूल को उडने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव किया जाता है। लेकिन, शहर में इन मानकों का पूरा पालन नही हो रहा है। यही कारण है कि लगातार पाल्यूशन लेवल का ग्राफ बढ़ता जा रहा है।

बढ़ रहे सांस की बीमारी से पीडि़त

अगर आंकड़ों पर जाएं तो हवा में पाल्यूशन लेवल बढ़ने का खामियाजा लोगों को बीमार होकर चुकाना पड़ रहा है। पिछले साल के मुकाबले इस बार दिसंबर व जनवरी माह में दस फीसदी से अधिक सांस के मरीज बढ़े हैं। चेस्ट फिजीशियन डॉ। आशुतोष गुप्ता बताते हैं कि श्वास नली में धूल कणों से इंफेक्शन के मामले बढ़ रहे हैं। ठंड अधिक होने पर सर्दी-जुकाम व कफ के मामालें में भी काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

यह वाकई चिंता की बात है। शहर के तमाम इलाकों में दिसबर में पाल्यूशन लेवल अधिक था। सिविल लाइंस भी इससे अछूता नही है। हवा में धूल मिट्टी के कणों की सांद्रता बढ़ रही है। लोगों को इस स्थिति में होशियार रहना होगा।

प्रदीप विश्वकर्मा,

साइंटिस्ट, रीजनल पाल्यूशन कंट्रोल डिपार्टमेंट