मऊआइमा के धरौता में चली गयी दलित की जान, पत्‍‌नी पर भी संकट

मौत पर जागे अफसर, अलापा पीलिया से मौत का राग

ALLAHABAD: मऊआइमा के धरौता गांव के एक दलित की रविवार सुबह भूख से मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही गांव में हड़कंप मच गया। बताया गया कि घर में अनाज का एक दाना नहीं था। तंगहाली के चलते वह एक-एक दाने को मोहताज था, लेकिन कहीं से उसे मदद नहीं मिली। इससे वह मौत से हार गया। मामले की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची प्रशासनिक टीम लीपापोती में जुट गयी। अफसरों का कहना था दलित की मौत भूख से नही बल्कि बीमारी से हुई है।

चंदा करके अंतिम संस्कार

बता दें कि धरौता गांव का धर्मेद्र कुमार अपनी पत्नी ऊषा देवी और माता सपना देवी के साथ रहता था। रविवार सुबह भूख से उसकी मौत हो गई। गांव वालों ने चंदा करके उसका अंतिम संस्कार कराया। मौके पर उसके घर में अन्न का एक दाना तक नहीं मिला। तंगहाली के चलते उसकी पत्नी ऊषा की हालत भी नाजुक बताई जाती है। 65 वर्षीय दिव्यांग मां भीख मांगकर अपना गुजारा करती है। गांव वालों का कहना था कि कामकाज नहीं होने के कारण घर की माली हालत खराब होती गई जिससे पेट भरना मुश्किल हो गया था।

राशन कार्ड भी नहीं बना था

प्रशासन की ओर से उसका राशन कार्ड भी नहीं बनाया गया था। बिस्तर के नाम पर एक चटाई और बर्तन के रूप मे एक भगोना एक प्लेट और एक लोटा ही घर में मौजूद था। उसकी कोई संतान भी नहीं है और इसी तंगहाली के चलते बड़े भाई नन्हे ने वर्षो पूर्व धर्मेद्र से नाता तोड़ लिया था। घटना के बाद गांव वालों का मृतक के घर के पास मजमा लगा रहा।

दोपहर बाद जागा प्रशासन

घटना सुबह हुई थी और दोपहर तक प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी भनक नहीं लगी। सूचना मिलने पर एसडीएम बृजेंद्र द्विवेदी ने तहसीलदार को मौके पर जायजा लेने के लिए भेजा। एसडीएम की माने तो धर्मेद्र की मौत भूख से नहीं बल्कि पीलिया के चलते हुई है। वह लंबे समय से बीमार था और उचित इलाज नहीं मिलने से रविवार सुबह उसने दम तोड़ दिया। खैर, प्रशासन कोई भी तर्क दे लेकिन मृतक का घर और पत्नी की हालत खुद ब खुद हालात बयां कर रहे हैं। स्थिति यह है कि रसोई में पकाने के लिए अनाज जुटाना इस परिवार के लगभग नामुमकिन हो चुका था।

जख्मों पर मरहम लगाने की तैयारी

दलित की भुखमरी से मौत के बाद प्रशासन ने इसे बीमारी से हुई मौत करार दिया है। एसडीएम बृजेंद्र द्विवेदी का कहना है कि मृतक धर्मेद्र का राशन कार्ड नही बना होना चिंता का विषय है। इसके लिए जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि खतौनी में मृतक के नाम से पांच विश्वा जमीन दर्ज है। उसके पिता को मिले इंदिरा आवास में यह परिवार रह रहा है। धर्मेद्र पहले नौटंकी में काम करता था लेकिन एक साल से बीमार होने के बाद रोजगार जाता रहा। उसके परिवार को राष्ट्रीय पारिवारिक योजना का लाभ दिया जाएगा और बीमार पत्नी के इलाज के लिए सोमवार को डॉक्टरों की टीम धरौता गांव रवाना की जाएगी।