पत्रिका के अनुसार उसने पोप को इसलिए चुना है क्योंकि वो जमीर की नई आवाज़ बने हैं.

टाइम की संपादक नैंसी गिब्स ने कहा कि शायद ही कोई और ऐसा व्यक्ति हो जिसने इतनी जल्दी विश्व मंच पर सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है.

सीआईए के पूर्व कॉन्ट्रैक्टर और अमरीका के गोपनीय निगरानी कार्यक्रम को उजागर कर सुर्खियों में आए एडवर्ड स्नोडेन दूसरे स्थान पर रहे.

टाइम ने 'पर्सन ऑफ द ईयर' के लिए नवंबर में जिन 42 लोगों की सूची बनाई, उनमें गुजरात के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी भी शामिल थे. लेकिन दो दिन पहले जारी की गई अंतिम दस दावेदारों की सूची में उन्हें जगह नहीं मिल पाई.

'पीपल्स पोप'

टाइम ने पोप फ्रांसिस को 'पीपुल्स' पोप यानी आम लोगों का पोप बताया है.

अर्जेंटीना में जन्मे योर्ग मारियो बेरगोगलियो इसी साल उस समय पोप बने, जब पोप बेनेडिक्ट सोलहवें ने अपने पद से हटने का फैसला किया. वो पहले पोप है जिनका संबंध यूरोप के बाहर से है.

"पोप फ्रांसिस ने खुद को ग़रीबी, अमीरी, भूमंडलीकरण और अन्य अहम मुद्दों पर होने वाले बहसों के केंद्र में रखा."

-नैंसी गिब्स, टाइम पत्रिका की संपादक

नैंसी गिब्स ने कहा कि पोप फ्रांसिस ने खुद को ग़रीबी, अमीरी, भूमंडलीकरण और अन्य अहम मुद्दों पर होने वाले बहसों के केंद्र में रखा. पोप बनने से पहले वो ब्यूनस आयर्स के आर्कबिशप रह चुके हैं.

76 वर्षीय पोप ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद, अमेज़न के संस्थापक जेफ बेज़ोस और अभिनेत्री मिले साइरस को पीछे छोड़ कर ये ख़िताब हासिला किया है.

इस साल ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ की दौड़ में शामिल अन्य बड़ी शख्सियतों में टेक्सन से सीनेटर टेड क्रूज़, अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, ईरान के नए राष्ट्रपति हसन रूहानी, अमरीकी स्वास्थ्य मंत्री कैथलीन सेबेलियस और समलैंगिक अधिकारों के लिए सक्रिय एडिथ विंडसर के नाम शामिल हैं.

टाइम पत्रिका 1927 से हर साल पर्सन ऑफ द ईयर का चुनाव करती है.

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