- बेलगाम हो गई बिजली कटौती के कारण पब्लिक की आंखों से उड़ी नींद, पूरी तरह से गड़बड़ा गया हर किसी का routine

--Market खुलने से लेकर बंद होने तक का समय हुआ चेंज, सुबह स्कूल जाने वाले नन्हे मुन्नों की बढ़ गई मुसीबतें, office going लोगों के लिए भी कटौती बनी मुसीबत

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ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ : बिजली तुम कहां चली गई हो। तुम्हारे आने और जाने का कोई वक्त न होने के कारण पूरा शहर परेशान है। देर रात तुम कही लापता हो जाती हो और तुम्हारी तलाश में लोग अपने घरों को छोड़कर सड़कों पर घर की छतों या बालकनी में रात काट रहे होते हैं। आलम ये है कि तुम्हारी इस करामात से हर कोई परेशान है और उनकी रात आंखों में ही कट रही है। आलम ये है कि रात में तुम्हारा जाना हर किसी के अगले दिन को डिस्टर्ब कर रहा है। सुबह स्कूल जाने वाले नन्हें-मुन्ने स्कूल जाने में चिड़चिड़ा रहे हैं। रात में नींद न पूरी होने से मम्मी लोग पति और बच्चे का टिफिन बनाने से गुरेज कर रही हैं और तो और तुम्हारी इस करामात से अपने शहर का कारोबार चौपट हो गया है। रात भर चैन से न सोने के कारण दुकाने देर से खुल रही है और शाम होते-होते तुम्हारे फिर से गायब हो जाने से दुकानें जल्दी बंद हो रही है। हालात बहुत बुरे हैं। इसलिए प्लीज कुछ करो और दिन में नहीं तो रात में तो रहो।

रूटीन हो गया है डिस्टर्ब

इन दिनों कुछ ऐसा ही हाल हर किसी का है। दिन रात किसी भी वक्त हो रही बिजली कटौती के कारण हर किसी का रूटीन पूरी तरह से बिगड़ चुका है। रात की कटौती के कारण सुबह-सुबह जल्दी उठकर स्कूल जाने वाले बच्चों के स्कूल मिस हो रहे हैं, सुबह पानी न भरने के कारण ऑफिस गोइंग लोगों को ऑफिस पहुंचने में लेट हो रहा है। घरों में हाउस वाइव्ज का पूरा दिन सिर्फ बिजली न होने के कारण खराब हो रहा है। आलम ये है कि बाजार से लेकर हॉस्पिटल तक और पैथालॉजी से लेकर कल कारखानों तक सब ठप हो चुके हैं।

बदल गया बाजार का टाइम

बेवक्त हो रही बिजली कटौती का सबसे बड़ा असर अपने शहर के मार्केट पर पड़ा है। रात में हो रही कटौती से लोग सो नहीं पा रहे हैं और सुबह लेट से उठ रहे हैं। इस वजह से दुकाने देर से खुल रही हैं। वहीं शाम में हो रही कटौती के कारण दुकानें जल्दी बंद हो रही हैं।

बच्चों से घर तक सब डिस्टर्ब

बिजली कटौती का एक बड़ा साइड इफेक्ट घर के रूटीन को भी डिस्टर्ब कर रहा है। पूरी रात बिजली गायब होने का असर सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ रहा है। चिड़चिड़ाहट में बच्चे रात में सो नहीं रहे हैं और सुबह उनका स्कूल मिस हो जा रहा है। वहीं हाउस वाइव्ज सुबह उठकर पानी भरने से लेकर नाश्ता बनाने और दूसरे कामों को भी नहीं पूरा कर पा रही हैं।

क्या करूं बॉस, बिजली प्रॉब्लम

ये जुमला तो इन दिनों हर दफ्तर में आम हो चला है। रात भर बिजली न रहने से लोगों की नींद पूरी नहीं हो रही है और सुबह आंख लगने के कारण ऑफिस गोइंग लोगों को ऑफिस पहुंचने में लेट हो जा रहा है। जिसके बाद बॉस से यही कहना पड़ रहा है कि बिजली बहुत रुला रही है।

स्टूडेंट्स हैं परेशान

बिजली कटौती का एक बड़ा इफेक्ट स्टूडेंट्स पर भी दिख रहा है। जल्द ही कई स्कूलों में टेस्ट शुरू होने हैं। इसके लिए स्टूडेंट पढ़ना तो चाह रहे हैं लेकिन दिन रात होने वाली कटौती स्टूडेंट की प्रिपरेशन में बड़ी बाधा बनी हुई है।

भाई साहब रिपोर्ट लेट होगी

बिजली कटौती से परेशान सिर्फ हम और आप नहीं हैं बल्कि सिटी के हॉस्पिटल्स और पैथॉलॉजिस्ट्स पर भी इसका गहरा असर है। ब्लड टेस्ट से लेकर कई और दूसरी रिपोर्ट मिलने में लेट हो रहा है। वजह बिजली का न होना। वहीं डॉक्टर्स भी ऑपरेशन करने से परहेज कर रहे हैं बिजली न होने को रोना रो रहे हैं।

भाई हद कर दी है

- बिजली कटौती का असर हर किसी पर गहराई से पड़ रहा है

- सुबह, दोपहर, शाम और रात बिजली कटौती का शेड्यूल फिक्स न होने से हर कोई परेशान है

- रात में हो रही कटौती ने लोगों को बीमारी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है

- नींद पूरी न होने से लोगों में अनिद्रा, चिड़चिड़ेपन और सिर दर्द और थकावट जैसी प्रॉब्लम पूरा-पूरा दिन बनी रह रही है

- रात में न सोने से बच्चे स्कूलों में, ऑफिस गोइंग लोग ऑफिसेज में और शॉपकीपर दुकानों में उंघाते देखे जा रहे हैं

-रात में न सोने के कारण छोटे बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं

- अंधाधुंध बिजली कटौती का असर पेट्रोल पंप, पैथालॉजी सेंटर्स, मार्केट, घरों, ऑफिसेजऔर हॉस्पिटल्स पर पड़ रहा है

- रात में हो रही बिजली कटौती वूमेन सेफ्टी के लिए भी बड़ी प्रॉब्लम है

- रात में अंधेरे के चलते ग‌र्ल्स घर से निकलने से कतरा रही हैं

- अंधेरे का फायदा उठाते हुए स्नेचर्स चेन स्नेचिंग और चोर चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं

- बिजली कटौती का शेड्यूल फिक्स न होने से पैथालॉजी में रिपोर्ट मिलने में लेट हो रहा है

- वजह कई रिपोर्ट को तैयार करने में बिजली का है लीड रोल

- फिजियोथेरेपी सेंटर्स की हालत भी बिजली के कारण है खराब

- हाउस वाइव्ज के लिए बढ़ गई हैं मुसीबतें

- किराये के मकान में रहने वाले लोगों के लिए बिजली कटौती बन गई है अभिशाप

- कटौती के कारण पानी की भी हो गई है परेशानी

-भीषण उमस इस कटौती में आग में घी का काम कर रही है और लोगों का हाल बेहाल हो रखा है

- कटौती के कारण लोग छतों और बॉलकनी में समय काट रहे हैं लेकिन मच्छर यहां लोगों का जीना दुश्वार किए हुए हैं

रोहनिया को मिल रही है शहर की बिजली

भले ही अपने शहर में इन दिनों बिजली संकट हो लेकिन अपने ही जिले का एक इलाका इस संकट से परे है। वह इलाका है रोहनिया। दरअसल रोहनिया में अगले महीने विधानसभा उप चुनाव होने हैं। इसे लेकर सपा से लेकर कांग्रेस और अपना दल की निगाहें यहां के वोटर्स पर हैं। इसलिए इस इलाके में क्भ् से क्8 घंटे बिजली की सप्लाई की जा रही है जबकि पूरे शहर में महज पांच से छह घंटे ही बिजली मिल रही है।

हंगामा है क्यों बरपा

अंधाधुंध हो रही बिजली कटौती से लोगों में उबाल है और डेली सिटी के अलग-अलग इलाकों में बिजली को लेकर हंगामा जारी है। बुधवार को भी बिजली कटौती को लेकर मंगारी बाजार के व्यापारियों और ग्रामीणों ने नेवादा उपकेन्द्र पर हंगामा किया। वहीं भाजयुमों कार्यकर्ताओं ने हुकुलगंज में बिजली कटौती का विरोध करते हुए प्रर्दशन किया। सेवापुरी, जंसा, बड़ागांव समेत सिटी के कई इलाकों में बिजली कटौती से गुस्साये लोगों ने अपने गुस्से का इजहार प्रदर्शन करके किया।

फिर कटी बेरहमी से

भले ही बुधवार को भगवान ने गर्मी और उमस से थोड़ी राहत दे दी हो लेकिन बिजली विभाग ने कटौती में कोई राहत नहीं दी। सुबह सात बजे ही बिजली गुल हो गई और दो घंटे बाद आई। वहीं दोपहर में लोकल फाल्ट के नाम पर बिजली की आंख मिचौली जारी रही। दोपहर में भी पौने चार बजे के आस पास इमरजेंसी कटौती की गई। इस तरह कुल मिला जुला कर बुधवार को भी दस से बारह घंटे बिजली गुल रही और पब्लिक गर्मी और अंधेरे में जीने पर मजबूर थी।

रात की कटौती के कारण सुबह नींद देर से खुल रही है और घर से ऑफिस जाने में लेट हो जा रहा है। बिजली के कारण बहुत प्रॉब्लम हो गई है।

सृजन गुप्ता, नौकरीपेशा

रात की कटौती के कारण सुबह बच्चों का स्कूल भेजने में मुश्किल हो रही है। हसबैंड को काम पर निकलने में लेट हो रही है और नाश्ता बनाने से लेकर पानी भरने और दूसरे कामों का रूटीन पूरी तरह से कटौती ने बिगाड़ दिया है।

हंसिका चंदवानी, हाउस वाइफ

मुश्किल बढ़ गई है। कुछ दिन बाद टेस्ट होने हैं और दिन रात हो रही कटौती से पढ़ने में प्रॉब्लम हो रही है। सुबह जल्दी उठता हूं तो भी बिजली नहीं मिलती रात में लेट तक जागकर पढ़ना चाहता हूं लेकिन रात में भी लाइट गायब रहती है।

शुभम चौरसिया, स्टूडेंट

बिजली कटौती से टेस्ट रिपोर्ट पर असर पड़ा है। लाइट कटौती का वक्त डिसाइड न होने से कई टेस्ट रिपोर्ट के लिए लोगों को एक से दो दिन तक का वेट करना पड़ रहा है।

अजय मोहले, पैथालॉजिस्ट

हालात बहुत खराब हैं। सुबह कटौती और रात कटौती ने दुकानदारी चौपट कर दी है। सुबह नींद देर से खुलती है। इसलिए दुकान खोलने में देरी हो रही है और शाम में बिजली ने होने से कस्टमर आ नहीं रहे हैं। इसलिए दुकान जल्दी बंद हो जा रही है।

अविनाश खन्ना, शॉपकीपर

पावरलेस का मैटर

बिजली विभाग का दावा ख्ख् घंटे

टोटल कटौती - क्0 से क्क् घंटे

सेंट्रल रोस्टिंग - छह घंटे

लोकल शटडाउन- चार से पांच घंटे

मेजर फॉल्ट- शिवपुरवा, शिवाजीनगर, निरालानगर, सिगरा, बैंक कॉलोनी महमूरगंज, सारनाथ।

मोस्ट एफक्टेड एरिया- पूरा शहर