- अधिकारियों ने कई बार चलाया था चोरी रोकने का अभियान

- बिजली चोरी रोको अभियान नहीं हो सका कारगर

आगरा। विभाग हर वर्ष बिजली नेटवर्क के दुरुस्तीकरण के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजता है। इसके लिए लाखों रुपये शासन से हर वर्ष जारी भी किए जाते हैं। लेकिन न तो लाइन लॉस में कमी आई, न चोरी रुकी। आपको बता दें कि विभाग द्वारा कई बार बिजली चोरी रोकने को अभियान चलाया था। लेकिन स्थिति में कारगर सुधार नहीं हो सका।

आंकड़ों की बाजीगरी करते हैं अधिकारी

लाइन लॉस के मामले में विद्युत विभाग के अधिकारियों का आंकड़ों का खेल निराला है। लाइन लॉस के आंकड़ों में हर बार कमी दर्शा देते हैं। एक विभागीय अधिकारी ने बताया कि लाइन लॉस में नेटवर्क का ढांचा पुराना हो तो पूरी आपूर्ति आउटपुट नहीं दे पाती है। इसमें ऊर्जा तारों में वेस्ट हो जाती है। वहीं 50 फीसदी ऊर्जा चोरी में नष्ट हो जाती है। इसमें अधिकारी लाइन लॉस जो नेटवर्क के कारण ऊर्जा तारों या ट्रांसफार्मर में नष्ट हो जाती है। उसे बिजली चोरी में दर्शा देते हैं।

आगरा मंडल में न चोरी रुकी न लाइन लॉस

आगरा मंडल में न तो बिजली चोरी रुकी न लाइन लॉस में कमी आई। फीरोजाबाद में जनवरी 2016 में 377.251 ऊर्जा प्राप्त हुई इसमें 228.140 ऊर्जा विभाग द्वारा सेल्स की गई। 9.541 मिलियन यूनिट ऊर्जा लाइन लॉस में नष्ट हो गई। मथुरा प्रथम में 310.080 मि। यू। ऊर्जा प्राप्त हुई। इस दौरान 16.780 मिलियन यूनिट बेची गई, जबकि 7.290 मि। यू। लाइन लॉस में बर्बाद हो गई। वहीं मैनपुरी में 244.618 मि। ऊर्जा प्राप्त हुई, उसमें 170.150 मि.यू। बेच दी गई। 7.543 मि। यू। ऊर्जा लाइन लॉस में नष्ट हो गई।