-100 परसेंट बिजली में से गोरखपुराइट्स को मिलती है केवल 35 परसेंट

-हेडक्वार्टर से कम से कम 17 घंटे की बिजली आपूर्ति का आदेश

-मिलती है केवल 12 घंटे बिजली

GORAKHPUR : चुनावी सरगर्मी के बीच गर्मी भी अपने चरम पर है। हर तरफ चुनावी चर्चा के बीच एक और चर्चा है, वह है बिजली के सितम की चर्चा। एग्जाम भी चल रहे हैं और बिजली की आंख मिचौली शुरू हो चुकी है। स्टूडेंट्स पढ़ नहींपा रहे हैं। घर में पानी की किल्लत है। पानी को लेकर रोज घर में चिक-चिक होती है, लेकिन बिजली विभाग को इससे कोई मतलब नहींहै। हर महीने बिजली बिल पे करने के बाद भी गोरखपुराइट्स को उसके हिस्से की बिजली नहींमिल पाती है। यह सब तब हो रहा है जब सदर सांसद अपनी सांसद निधि का सबसे बड़ा हिस्सा बिजली पर ही खर्च करते हैं।

यहां खो जाती है म्भ् परसेंट बिजली

इलेक्ट्रिक कॉर्पोरेशन के आंकड़ें इसकी तस्दीक करते हैं कि भ् परसेंट बिजली सरक ारी महक मों में बर्बाद क र दी जाती है। लाइन डिस्ट्रीब्यूशन लॉस से बर्बाद होती है ख्0 फीसदी बिजली। स्ट्रीट लाइट रात में जले या न जले दिन में जरूर रोशन होते हैं। इस तरह बर्बाद होती है ख्0 परसेंट बिजली। कटिया तो जैसे बिजली चोरों का सबसे प्रिय हथियार है। इसमें मीटर को बाइपास करके चोरी करने का तरीका भी शामिल है। यहां बर्बाद होती है ख्0 परसेंट बिजली। तो इस तरह बर्बाद हो जाती है आपके हिस्से की म्भ् फीसदी बिजली और आपके हिस्से आती है मात्र फ्भ् फीसदी बिजली।

हवा-हवाई बिजली आपूर्ति के वादे

सिटी में मौसम के हिसाब से भी बिजली की सप्लाई घटती बढ़ती रहती है। जैसे बिजली की सबसे अधिक खपत गर्मी के मौसम में होती है। यही वजह है कि गर्मी में सिटी को 90 लाख यूनिट बिजली की जरूरत होती है, जबकि बिजली विभाग मात्र म्0 लाख यूनिट बिजली सप्लाई करता है। इस तरह फ्0 लाख यूनिट बिजली की कमी पूरे गर्मी में रहती है और लोग पसीने से तरबतर रहने को मजबूर रहते हैं।

क्7 घंटे में से मिलती है केवल क्ख् घंटे बिजली

इस समय सिटी को क्ख् से क्ब् घंटे बिजली मिल रही है। वहीं यूपी पावर कॉर्पोरेशन के आदेश के मुताबिक सिटी को क्7 घंटे बिजली देने का आदेश है। इसके अलावा बिजली कटौती के नाम पर गोरखपुराइट्स को एक घंटा अधिक अंधेरे में रखा जा रहा है। यह इमरजेंसी कटौती किसी भी समय कर दी जा रही है।

मार डाला लो वोल्टेज ने।

गोरखपुराइट्स पर सबसे ज्यादा सितम लो वोल्टेज का है। चाहे गर्मी हो या सर्दी लो वोल्टेज से गोरखपुराइट्स को कभी निजात नहींमिलती है। लो वोल्टेज का कारण कुछ इस तरह है।

- ट्रांसफार्मर से कनेक्शन की उचित दूरी न होना।

- जर्जर तार की वजह से भी लो वोल्टेज की समस्या रहती है।

- फीडर पर कनेक्शन का ओवरलोड।

ऐसे मिलेगी लो वोल्टेज से मुक्ति

- लो वोल्टेज से मुक्ति के लिए जरूरी है कि सप्लाई के लिए जरूरी ट्रांसफार्मर लगाए जाएं।

- जर्जर तारों को हटा कर क्वालिटी के नए तार लगाए जाएं।

- फीडरों को आपूर्ति देने से पहले उसे चेक करना, साथ ही तय करना कि उस पर तयशुदा लोड से ज्यादा लोड न पड़े

यह है सिटी में बिजली का हाल

-क्फ्क्7 ट्रांसफार्मर लगे हैं सिटी में

-डिवीजन फ‌र्स्ट में भ्0ब् ट्रांसफार्मर

-डिवीजन सेकेंड में फ्97 ट्रांसफार्मर

-डिवीजन थर्ड में ब्क्म् ट्रांसफार्मर

कुछ इस तरह है क्7 सब स्टेशन का जाल

बरहुआं- यहां से सिटी के पांच सब स्टेशन लालडिग्गी, रुस्तमपुर, टाउनहाल, रानीबाग, नौसड़ सब स्टेशन पर बिजली आपूर्ति होती है

मोहद्दीपुर- यहां से सिटी के क्0 सब स्टेशन मोहद्दीपुर, यूनिवर्सिटी, तारामंडल, खोराबार, शाहपुर, रेलवे, डिस्ट्रिक्ट हास्पिटल, कचहरी, मेडिकल सब स्टेशनों पर विद्युत आपूर्ति होती है।

फर्टिलाइजर- यहां से सिटी के दो सब स्टेशन सूरजकुंड तथा राप्तीनगर में विद्युत आपूर्ति करते हैं।

कहां कितनी मिलती है बिजली और कितनी आवश्यकता है

मोहद्दीपुर- यहां प्रतिदिन गर्मी के मौसम में 70 से 80 एमडब्ल्यूएच (मेगा वाट आवर) तथा ठंडी में भ्0 से भ्भ् एमडब्ल्यूएच की आवश्यकता होती है। गर्मी के मौसम में ब्0 से भ्0 एमडब्ल्यूएच बिजली मिलती है।

बरहुआं- यहां प्रतिदिन गर्मी के मौसम में म्0 से 70 एमडब्ल्यूएच की आवश्यकता होती है, जबकि सर्दी में भ्0 एमडब्ल्यूएच के लगभग पहुंच जाता है। उपलब्धता के संबंध में यहां दर्ज रजिस्टर में गर्मी के मौसम में अधिकतम भ्0 एमडब्ल्यूएच बिजली मिलती है। हालांकि ठंडी के मौसम में ब्भ् एमडब्ल्यूएच बिजली मिलती है।

फर्टिलाइजर- यहां जरूरत है फ्0-ब्0 एमडब्ल्यूएच की, लेकिन आपूर्ति होती है ख्0 एमडब्ल्यूएच की।

(आपको बता दें कि एक मेगा वाट आवर में पूरे सिटी को हर रोज दो से तीन घंटे एक्स्ट्रा बिजली मिल सकती है। )

अगर पब्लिक जागरूक हो जाए तो बिजली का अपव्यय रूक सकता है। कंज्यूमर केवल अपने घर में अर्थिग लगा लें। इससे बिजली खपत कम होने के साथ ही घर में किसी एक्सीडेंट की आशंका से बचा जा सकता है।

एके सिंह, एक्सईएन