सेंट्रल पूल और डीवीसी से खरीद कर सप्लाई की जा रही है बिजली

मार्च 2018 तक हर घर बिजली पहुंचाने का है लक्ष्य

RANCHI (26 July) : झारखंड में बिजली का उत्पादन डिमांड से कहीं कम हो रहा है। 70 फीसदी से भी ज्यादा बिजली सेंट्रल पूल अथवा डीवीसी से खरीद कर दी जा रही है। डीवीसी ऊंची कीमत पर बिजली उपलब्ध कराता है, जिसके चलते ऊर्जा विभाग को अच्छा खासा लॉस हो रहा है। झारखंड में फिलहाल चार पावर प्लांट से करीब म्77 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। दूसरी ओर, राज्य की जरूरत प्रतिदिन फ्700 मेगावाट की है। फिलहाल ख्क्00 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है।

लोकल फॉल्ट के कारण सप्लाई बाधित

राज्य में बिजली की लचर व्यवस्था का मुख्य कारण लोकल फॉल्ट है। बुधवार को ऊर्जा सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि सूबे में बिजली की कमी नहीं है, बल्कि बिजली आपूर्ति के लिए जो संरचना मौजूद है, उसमें आये दिन आने वाली खराबी के कारण लाइट काटनी है। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के पास आधारभूत संरचनाओं की तो कमी है ही, मैन पावर भी कम है। इसे देखते हुए आउटसोर्सिग एजेंसीज के साथ समझौता कर मानव संसाधन में बढ़ोत्तरी की जा रही है।

क्ब्00 सरकारी भवनों में लगेंगे सोलर प्लांट

राज्य सरकार ने ज्रेडा के माध्यम से क्ब्00 सरकारी भवनों को रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए चिन्हित किया गया है। इसके तहत मुख्य रूप से कस्तूरबा स्कूल, एकलव्य स्कूल, आदिम जनजाति, पहाडि़या, ओबीसी, अनुसूचित जाति एवं जनजाति आवासीय विद्यालय, वाणिज्य कर अंचल, कृषि विज्ञान केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सदर अस्पताल, समाहरणालय, व्यवहार न्यायालय, सभी थाने और जेल में सोलर प्लांट लगाये जाने हैं। अभी तक क्00 सरकारी भवनों में भ् मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाए जा चुके हैं। आम लोगों के लिए भी अनुदान पर सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना शुरू हुई है। इसके तहत करीब भ्0 फीसदी का अनुदान भी संबंधित उपभोक्ता को मिलेगा।

महीने भर में बिलिंग की समस्या होगी दूर

झारखंड बिजली वितरण निगम के एमडी राहुल पुरवार ने बताया कि बिजली बिल वितरण में आ रही समस्या एक महीने के भीतर समाप्त हो जाएगी। नई कंपनी सेंट्रलाइज्ड बिलिंग कर रही है। जुलाई में भ्0 प्रतिशत से भी ज्यादा उपभोक्ताओं को बिल दिया जा चुका है।

ख् करोड़ एलईडी वितरण का लक्ष्य

श्री पुरवार ने बताया कि ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए एक करोड़ से ज्यादा एलईडी बल्बों का वितरण किया जा चुका है। एक साल के भीतर और दो करोड़ बल्ब बांटने की योजना है। फिलहाल पोस्ट ऑफिस के माध्यम से बल्ब दिये जा रहे हैं। जल्द ही सभी बिजली ऑफिसों से भी बल्ब दिये जाएंगे। वहीं पुराने बल्ब भी रिप्लेस किये जाएंगे।

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लापरवाही बर्दाश्त नहीं, होगी कड़ी कार्रवाई

मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने बिजली विभाग के अधिकारियों को चेताया है कि जो एजेंसी या अधिकारी लापरवाही बरतेंगे, उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव बुधवार को विद्युत संस्थान आपूर्ति और संचरण की समीक्षा करते हुए अधीक्षण अभियंताओं से मुखातिब थीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता है कि प्रत्येक परिवार को वर्ष ख्0क्8 तक बिजली उपलबध हो। सुदूर और दुर्गम गांवों में भी ग्रामीणों के घर बिजली के बल्ब से रौशन होने चाहिए। मुख्य सचिव ने कहा कि अधिकारियों के प्रतिबद्ध और संवेदनशील प्रयास से ही यह काम पूरा हो सकता है। राज्य में 9 एजेंसी कार्य कर रही है, उनके कायरें की निगरानी करें तथा उनकी बाधाओं को दूर करें। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी विद्यालयों को विद्युत की आपूर्ति सुनिश्चित कराएं। मुख्य सचिव ने कहा कि सभी अस्पतालों, निजी नर्सिंग होम, शैक्षणिक संस्थान एवं होटल आदि में सोलर एनर्जी को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि कार्यशाला कर लोगों को इसका महत्व बताएं।