- एवरेज वोल्टेज ने बढ़ा दिया कंज्यूमर्स के मीटर का चक्का, आईपीडीएस वर्क के बाद मिल रही नई शिकायतें

- ओवर बिलिंग से परेशान कंज्यूमर्स लगा रहे दफ्तर का चक्कर

VARANASI

आज हर सातवां और आठवां कंज्यूमर्स ओवर बिलिंग की समस्या से परेशान है। गड़बड़ी के संदेह पर किसी ने मीटर बदलने की अर्जी दी है तो कोई दूसरा मीटर लगाने के बाद भी संतुष्ट नहीं दिख रहा है। इस तरह की सबसे ज्यादा शिकायतें पुरानी काशी से जुड़े इलाकों में आ रही है। जहां आईपीडीएस वर्क के तहत वायर अंडर ग्राउंड करके लाइन लॉस को काफी हद तक कम कर दिया गया है। इसके चलते एरिया में मिल रही भरपूर सप्लाई से कंज्यूमर्स के मीटर का पहिया तेजी से रन कर रहा है। बहरहाल, इस कंडीशन में कुछ आवश्यक कदम उठाकर महीने में आने वाले बिल को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

ज्यादा बिल की ये है वजह

महीने में ज्यादा बिल आने के पीछे जहां मिल रही भरपूर बिजली एक वजह है, वहीं दूसरी ओर कंज्यूमर्स के घर लगे इलेक्ट्रॉनिक मीटर को भी इंकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि यह मीटर एलईडी बल्ब को भी रीड करता है। मैनुअल मीटर के जमाने में जीरो वॉट कहे जाने वाले बल्ब के जलने पर भी यूनिट नहीं उठता था।

करें पॉवर सेव खाली नहीं होगी जेब

कुछ आवश्यक कदम उठाकर हर महीने ज्यादा आने वाले अपने बिजली के बिल को कम किया जा सकता है। इसके लिए घर में लगे पुराने जमाने के इलेक्ट्रिक इक्यूपमेंट बदलने से कंज्यूमर्स की मुश्किलें फ्0 परसेंट तक समाप्त हो जाएगी। बिजली विभाग के एक्सपर्ट की मानें तो हर तीन साल पर घर की वायरिंग चेक कराने से फाल्ट भी पकड़ में आ जाएंगे। जो बिजली का बिल बढ़ाने में बड़ी वजह है।

है संदेह तो खुद करें टेस्ट

ज्यादा बिजली का बिल आने की समस्या से घिरे कंज्यूमर्स खुद अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं। इसके लिए घर के सभी प्वॉइंट का स्विच ऑफ करके सिर्फ एक हजार वॉट का बल्ब जलाना होगा। मानक के अनुसार एक घंटे में यदि एक यूनिट उठता है तो मीटर सही है।

हाईलाइटर

- हर तीन साल में वायरिंग का करायें टेस्ट

- न्यूट्रल जमीन से न लें

- संदेह पर खुद करें टेस्ट

- विभागीय कर्मचारियों से लें सलाह - अनावश्यक न जलायें बिजली

वर्जन

ज्यादा बिल आने की शिकायतें आ रही है। मीटर से जुड़ी गड़बड़ी ख्0 परसेंट से भी कम है। ज्यादा बिल आने के पीछे अधिकतर व्यवहारिक कारण है।

मनोज अग्रवाल, एक्सईएन मीटर