- 11 किलोवाट के फीडर पर होगी फीडर मैनेजर की नियुक्ति

- ऐसी व्यवस्था वेस्ट बंगाल में है, पॉवर कट में आएगी कमी

PATNA: बिहार के कई इलाकों में सप्लाई और ट्रांसमिशन के गैप के कारण हर दिन प्रॉब्लम खड़ी हो जा रही है। इस प्रॉब्लम से निजात पाने के लिए क्क् किलोवाट के फीडर के लेवल पर फीडर मैनेजर की नियुक्ति की जाएगी। वे बिजली के खर्च पर नजर रखेंगे, ताकि सप्लाई और डिस्ट्रीब्यूशन पर बेहतर तरीके से नजर रखी जा सके। महत्वपूर्ण है कि राज्यों को केन्द्रीय अनुदान मिलने की शर्त में एक यह बात शामिल है कि वे नुकसान को कम से कम रखें। हाल ही में केन्द्र और राज्य के ऊर्जा सचिवों की मीटिंग दिल्ली में आयोजित की गई। इसमें ऊर्जा सचिव प्रत्यय अमृत भी शामिल हुए थे।

सप्लाई का आंकलन, चोरी पर भी नजर

इस मीटिंग में डिसाइड हुआ कि क्क् किलोवाट के फीडर स्तर पर लोगों को दी जाने वाली बिजली व्यवस्था पर निगरानी की जाए। हरेक फीडर पर एक-एक मैनेजर की तैनाती की जाएगी। फिलहाल ऐसी व्यवस्था वेस्ट बंगाल के पास है। इससे न केवल पॉवर कट की समस्या में कमी लायी जा सकती है, बल्कि स्थानीय स्तर पर बिजली की डिमांड को बेहतर तरीके से निपटाया जा सकेगा। मैनेजर का यह देखना काम होगा कि कितनी फीडर से कितनी बिजली सप्लाई हो रही है और कस्टमर्स के मुताबिक बेहतर तरीके से तैयारी की जा सकेगी। संबंधित इलाके में कितने अनाधिकृत तरीके से बिजली ले रहे हैं। इससे चोरी की बिजली का भी पता लग पाएगा। कितनी बिजली कहां मिल रही है और कितने घंटे पॉवर कट है, इसका पता चलेगा। पेसू जीएम दिलीप कुमार ने कहा कि फीडरों में मीटर लगाने के साथ-साथ मैनेजरों की निगरानी होने से स्थिति बेहतर होगी।