-एक ही विधानसभा क्षेत्र में नागरिक सुविधाओं में है जमीन-आसमान का अंतर

-कहीं होती है 24 घंटे पावर सप्लाई, तो कहीं पावर कट से परेशान हैं लोग

JAMSHEDPUR : कहीं ख्ब् घंटे बिजली, तो कहीं घंटों पावर सप्लाई का इंतजार करते लोग। ये दोनों एक ही विधानसभा क्षेत्र की तस्वीरें हैं। कंपनी एरिया में स्थित जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा के इलाकों में तो ख्ब् घंटे पावर सप्लाई की व्यवस्था है, वहीं मानगो जैसे इलाकों में दिन में कुछ घंटे भी बिजली आ जाए, तो लोग शुक्र मनाते हैं। इस विधानसभा क्षेत्र के विधायक बन्ना गुप्ता खुद शहर के उस इलाके में रहते हैं, जहां हर तरह की नागरिक सुविधाएं मौजूद हैं, लेकिन उनके क्षेत्र के दूसरे लोग हर रोज परेशानियों से जूझने को मजबूर है।

साफ दिखता है फर्क

जनप्रतिनिधि वो होता है, जिसे जनता के हर सुख-दुख से वास्ता हो, पर यहां कुछ और ही हकीकत नजर आती है। एक ही विधानसभा क्षेत्र में सुविधाओं में जमीन आसमान का अंतर दिखता है। जमशेदपुर वेस्ट विधानसभा क्षेत्र के विधायक बन्ना गुप्ता जिस इलाके में रहते है वहां हर तरह की सुविधा मौजूद है, लेकिन मानगो जैसे इलाकों में लोग बिजली जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं।

क्यूं नहीं दिखती ये परेशानी

कदमा सहित दूसरे कंपनी एरिया में लोगों को ख्ब् घंटे पावर सप्लाई को अवेलेवल है पर मानगो जैसे नॉन-कंपनी एरिया में क्ख् से क्भ् घंटा भी बिजली रह जाए तो लोग चैन की सांस लेते हैं। मानगो इलाके में पावर कट की समस्या सालों से चली आ रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या विधायक जी के घर ख्ब् घंटे पावर सप्लाई होती है इसलिए उन्हें यहां की समस्या दिखाई नहीं देती। पावर कट की इस समस्या को दूर करने के लिए हमेशा वादे किए जाते हैं, लेकिन आज तक यह समस्या जस की तस बनी हुई है।

बिजली की समस्या यहां सालों से चली आ रही है, लेकिन इसे दूर करने के लिए किसी अधिकारी या नेता की ओर से तक कोई गंभीर प्रयास नहीं दिखा।

-मो। आफरोज, मानगो

मानगो में पावर कट कोई नई समस्या नहीं है। हर बार चुनाव में इसे दूर करने का वादा किया जाता है, लेकिन अब तक स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।

-सुधीर कुमार, मानगो

पावर सप्लाई और दूसरी नागरिक सुविधाओं के मामले में एक ही विधानसभा क्षेत्र के अंदर जमीन आसमान का अंतर दिखाई देता है। इस अंतर को दूर करने के लिए कोई ठोस पहल नहीं दिखती।

-जीतेंद्र सिंह, मानगो

पावर कट मानगो की एक बड़ी समस्या है। घंटों बिजली नहीं रहने से लोगों को काफी परेशानी होती है, लेकिन इस परेशानी को दूर करने का कोई प्रयास नहीं दिखता। नेता वोट मांगने के समय आते हैं। इसके बाद भूल जाते हैं।

-प्रतीक, मानगो