केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल के समक्ष सरयू राय ने रखी समस्या

कहा-राज्य भर में अक्सर हो रहा पावर कट, 24 घंटे बिजली दूर की बात

असर के गुवाहाटी में सभी राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों की चल रही बैठक

RANCHI: रांची सहित पूरे झारखंड को हर दिन जितनी बिजली की जरूरत है, उतनी सप्लाई मिल नहीं रही है। इस कारण राज्य भर में हमेशा पावर कट की समस्या बनी हुई है। राज्य को हर दिन 3260 मेगवाट बिजली की जरूरत है, जबकि राज्य का अपना प्रोडक्शन, डीवीसी, छोटे पावर प्लांट सहित अलग-अलग स्रोतों से मिला कर हर दिन कुल 1952 मेगवाट बिजली ही है। हर दिन जरूरत से 1308 मेगावाट कम बिजली सप्लाई हो रही है। ये बातें राज्य के मंत्री सरयू राय ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल के सामने रखी। असम की राजधानी गुवाहाटी में देश के सभी राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों की दो दिनों बैठक चल रही है।

चाहिए 3 मेगा पावर प्लांट

80 हजार से अधिक टन कोयले का भंडार हमारे राज्य में है, लेकिन हमको बिजली नहीं मिल रही है। राज्य की जनता को 24 घंटे तक बिजली मिले इसके लिए झारखंड को 4000 मेगावाट के तीन पावर प्लांट दिए जाएं और इनको चलाने के लिए दो कोल ब्लॉक भी आवंटित किया जाए।

खरीद रहे 1213 मेगावाट बिजली

झारखंड सरकार हर दिन 1213 मेगावाट बिजली खरीदती है। राज्य के अपने पावर प्लांट पीटीपीएस, टीवीएनल से मिलाकर करीब 475 मेगवाट बिजली का प्रोडक्शन हर दिन हो रहा है। इसके बाद डीवीसी से हर दिन 950 मेगावाट बिजली खरीदी जाती है। इसके अलावा 350 मेगावाट बिजली हर दिन सेंट्रल कोटा से मिलता है। राज्य के लिए सेंट्रल से 500 मेगावाट का कोटा तय है, लेकिन कभी पूरा कोटा नहीं मिलता।

2020 में 8700 मेगावाट की होगी जरूरत (प्वाइंट टू बी नोटेड)

अभी राज्य को करीब 3260 मेगवाट बिजली की जरूरत है। आने वाले पांच साल 2020 में बढ़कर यह जरूरत 8700 मेगावाट हो जाएगी। इसके लिए भी सरकार तैयारी कर रही है। राज्य में पहले से ही देवघर और तिलैया में 4000 मेगावाट के दो पावर प्लांट मिल चुके हैं। हालांकि इन पावर प्लांट पर काम बहुत धीरे चल रहा है। सरकार द्वारा पीटीपीएस के संचालन की जिम्मेवारी एनटीपीसी को दी जा रही है। यहां से होने वाले प्रोडक्शन का 85 प्रतिशत हिस्सा राज्य को ही मिलना चाहिए। टीवीएनएल के प्रोडक्शन को बढ़ा कर 1320 मेगावाट किया जाएगा।

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झारखंड को चाहिए हर दिन 3260 मेगावाट बिजली

राज्य में 1952 मेगावाट बिजली का ही हो रहा प्रोडक्शन

24 घंटे बिजली देने के लिए 4000 मेगावाट के चाहिए तीन पावर प्लांट

झारखंड में 80 हजार टन से अधिक कोयला का है भंडार