- एमडीए ने शासन से मांगी एनओसी, लिखा लेटर

- अंडर ग्राउंड पार्किंग से लेकर बनाए जाएंगे फूड प्लाजा

- कई प्राइवेट कंपनियां भी लेना चाह रही हैं प्रोजेक्ट

Meerut : अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में सोहराब गेट बस अड्डा दिल्ली आईएसबीटी की तरह दिखाई देने लग जाएगा। एमडीए के अधिकारियों ने रोडवेज के अधिकारियो से विचार करने के बाद शासन से एनओसी मांगी है कि क्या बस अड्डे का रेनोवेशन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत कराया जा सकता है या नहीं? वैसे अधिकारियों को विश्वास है कि शासन से मंजूरी मिल जाएगी। इसलिए कंपनियों को बुलाने के लिए टेंडर निकालने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

पीपीपी के तहत तैयारी

शहर के बस अड्डों के कायाकल्प करने की शुरुआत सोहराब गेट अड्डे से की जा रही है। बस अड्डे के पुर्ननिर्माण की पूरी जिम्मेदारी एमडीए के पास है, लेकिन एमडीए के पास इतना फंड नहीं है कि करोड़ों रुपए खर्च कर सके। ऐसे में रोडवेज अधिकारियों से बात कर एमडीए के अधिकारियों ने शासन को लेटर लिखकर पीपीपी मॉडल के तहत निर्माण कराने की एनओसी मांगी है। अधिकारियों की मानें तो मौजूदा समय में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत ही बड़े-बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर हो रहे हैं।

दिल्ली की तर्ज पर होगा निर्माण

रोडवेज अधिकारियों की मानें तो सोहराब गेट बस अड्डे के निर्माण का नक्शा जिस तरह से खींचने की तैयारी चल रही है, वो दिल्ली आईएसबीटी की तरह होगा। अधिकारियों की मानें तो पीपीपी मॉडल के निर्माण के पीछे एक कारण ये भी है कि कई कंपनियां पिछले कई महीनों से इस प्रोजेक्ट अपने हाथ में लेने के लिए एमडीए के अधिकारियों से संपर्क से साध चुकी हैं। ऐसे में अधिकारियों को इस तरह का निर्णय लेना पड़ा।

फूड प्लाजा और अंडर ग्राउंड पार्किंग

इस नवीनीकरण के तहत पूरे बस अड्डे का नक्शा बदला जाएगा। तीन फ्लोर और एक बेसमेंट बनाया जाएगा। ग्राउंड में बसों के रैंप बनाएं जाएंगे। फ‌र्स्ट फ्लोर पर सभी अधिकारियों के ऑफिसर्स होंगे, जिन्हें शानदार तरीके से तैयार किया जाएगा। दूसरे और तीसरे फ्लोर पर फूड प्लाजा और दूर के यात्रियों के लिए रहने के लिए कमरे बनाएं जाएंगे। साथ ही बसों का वेट करने के लिए शानदार वेटिंग रूम बनाएं जाएंगे। जो एयरकंडीशन और नॉन एयरकंडीशन दोनों तरह के होंगे।

इस वक्त काफी बुरी है हालत

मौजूदा समय में सोहराब गेट बस अड्डे की हालत काफी बुरी है। अधिकारियों की बिल्डिंग तो ऐसी है कि एक अच्छी बारिश और एक भूकंप झटका भी सहन नहीं कर सकती है। वहीं सिटी बसों के संचालन का ऑफिस और डिपो भी इसी बस अड्डे पर है। ऐसे में सबसे पहले इसी बस अड्डे के नवीनीकरण के बारे में सोचा जा रहा है।

इन रूटों पर होता है बस संचालन

सोहराब गेट बस अड्डे से आगरा, अलीगढ़, लखनऊ, बरेली, किठौर, शाहजहांपुर, गढ़ आदि कई जिलों में संचालन हो रहा है। इस बस अड्डे से डेली 30 हजार पैसेंजर डेली सफर कर रहे हैं।

एमडीए के अधिकारियों ने पीपीपी मॉडल के प्रस्ताव के शासन से एनओसी मांगी है, जिसमें जल्द ही जवाब आने की संभावना है। अगर ऐसा हो जाता है तो काम भी जल्दी शुरू हो जाएगा।

- बीपी अग्रवाल, एआरएम, सोहराब गेट बस अड्डा