दो लाख लुट गए, रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई

कल्याणपुर में बुधवार को रविदास रोड पर कारोबारी रामबाबू तिवारी दो लाख की टप्पेबाजी का शिकार हो गए। बदमाश कार से पेट्रोल गिरने का झांसा देकर उनका नोटों से भरा बैग लेकर भाग गए। लेकिन उन्होंने रिपोर्ट ही दर्ज नहीं कराई। रामबाबू का कहना है कि वह पुलिस की रफ लैंग्वेज, तीखे तेवर और उलूल-जुलूल सवालों के पचड़े नहीं पड़ना चाहते हैं।

बाइक तुम्हारी खोई है, पुलिस क्या करे

घुमनी बाजार निवासी अनिल जायसवाल की बाइक 21 जुलाई को कचहरी के बाहर से चोरी हो गई थी। वो रिपोर्ट लिखाने थाने गए तो उन्हें चौकी भेज दिया गया। चौकी इंचार्ज उन्हें फिर थाने भेज दिया। यहां से फिर उन्हें चौकी भेजा गया जहां चौकी इंचार्ज ने फटकार लगाते हुए कहा, गाड़ी तुम्हारी खोई है पुलिस क्या करे। अनिअल ने आईजी से पूरे मामले की शिकायत की। इसके बाद भी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए उन्हें कई दिन तक दौड़ लगान पड़ी।

-आईजी कानपुर जोन के सभी थाने में लोक सेवक अधिकारी बैठालने की व्यवस्था लागू की

-सुलझे हुए, च्च्छी छवि वाले कूल ऑफिसर्स किए जा रहे हैं चिंहित, हर फरियादी की समस्या सुनेगा

KANPUR: बाइक खो गई तो क्या करेंपुलिस ने तुम्हारी बाइक ढूंढने का ठेका ले रखा है.चेन पहनकर चलोगे तो लुटोगे ही.क्या जरूरत है चेन पहनने की.किसी दोस्त यार के साथ गई होगी.मन भर जाएगा तो लौट आएगी। पुलिस के पास अपनी शिकायत लेकर जाने पर अक्सर फरियादी को ऐसे ही सवालों का सामना करना पड़ता है। इन हालात में लोग पुलिस थाने से जाने से घबराते हैं। घटना हो जाने के बाद भी शिकायत दर्ज नहीं कराते। अगर हिम्मत कर थाने पहुंच भी गए तो पुलिस रिपोर्ट दर्ज करने के बजाय उन्हें टरका देती है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। थाने में मौजूद 'भरोसे का अधिकारी' हर फरियादी की पूरी शिकायत सुनेगा और रिपोर्ट भी दर्ज कराएगा। जो मामले दर्ज करने लाएक नहीं होंगे उनमें भी उचित सलाह देकर सही राह दिखाएगा। कौन है यह भरोसे का अधिकारी? कहां बैठेगा यह और किस तरह फरियादियों की समस्याएं सुलझाए जानिए आई नेक्स्ट की इस रिपोर्ट में।

आईजी ने की प्लानिंग, थाने में बैठेगा भरोसे का अधिकारी

वर्दी का असर ही कुछ ऐसा है कि थाने या चौकी का चार्ज पाते ही पुलिस ऑफिसर के तेवर बदल जाते हैं। यही हाल थाने के मुंशी समेत अन्य ऑफिसर्स का रहता है। वैसे तो वे प्यार से बात करते है, लेकिन जैसे ही उनके सामने कोई फरियादी पड़ता है उनकी भाषा शैली बदल जाती है। वे तीखे रुख में बात करते हैं, ताकि फरियादी बिना शिकायत दर्ज कराए थाने से खिसक जाए। लगातार इस तरह की शिकायतें मिलने पर आईजी ने हर थाने में भरोसे का अधिकारी यानि लोक सेवक अधिकारी को बैठाने की तैयारी की है। यह अधिकारी थाने में आने वाले फरियादियों की समस्याओं को सुनेगा। उसकी छुट्टी पर रिलीवर यह काम देखेगा।

कूल ऑफिसर ही होगा भरोसे का अधिकारी

भरोसे का अधिकारी जोन के हर थाने में बैठेगा। इसके लिए दरोगा या इंस्पेक्टर रैंक के उन ऑफिसर्स को चिंहित किया जा रहा है जो पुलिस महकमे के सबसे सुलझे हुए कूल ऑफिसर हैं। डिपार्टमेंट के साथ जनता में उनकी छवि और ट्रैक रिकॉर्ड च्च्छा है। उनका बर्ताव और भाषा शैली च्च्छी है। आईजी ने बताया कि थाने में हर तरह के फरियादी आते हैं। कुछ को तो यह भी नहीं मालूम रहता है कि उनकी शिकायत थाना स्तर की नहीं है या फिर मामला पुलिस डिपार्टमेंट का नहीं है। ऐसे में आमतौर पर पुलिस ऑफिसर उनकी शिकायत सुनकर गुस्सा करने लगते या उल्टे-सीधे जवाब देते हैं। लेकिन भरोसे का अधिकारी उन्हें सही राह दिखाएगा।

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फरियादियों की शिकायत सुनेंगे भरोसे का अधिकारी

थाने में लोक सेवक यानि भरोसे के अधिकारी के बैठने के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी। भरोसे का अधिकारी थाने में आने वाले हर फरियादी की शिकायत सुनेगा। अगर उनकी शिकायत रिपोर्ट कराने के लायक होगी तो वो उसे एसओ के पास भेज देगा। अगर फरियादी की शिकायत समझौता या अन्य किसी माध्यम से निस्तारित हो सकती है तो वो संबंधित अधिकारी के पास प्रार्थना पत्र भेज देगा। इसके अलावा वो फरियादियों को गाइड भी करेगा कि वो कैसे जांच रिपोर्ट की प्रगति जांच सकते हैं।

हेल्पलाइन की शिकायतों को भी करेगा वाच

भरोसे का अधिकारी आईजी की हेल्पलाइन के माध्यम से दर्ज होने की शिकायतों को भी वॉच करेगा। वो देखेगा कि हेल्पलाइन में दर्ज शिकायत में क्या कार्रवाई हुई। अगर हेल्पलाइन के जरिए कोई रिपोर्ट दर्ज हुई है तो भरोसे का अधिकारी विवेचना के बारे में जानकारी कर उसे संबंधित अधिकारी को अपडेट करेगा।

अगले सप्ताह से लागू हो जाएगी यह व्यवस्था

आईजी के मुताबिक अगले सप्ताह से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। इसके लिए तेजी से काम चल रहा है। हर जिले से चिन्हित ऑफिसर्स की लिस्ट मांगी गई है। एक से दो दिन में ही भरोसे के अधिकारी को चिंहित कर लिया जाएगा। इसके बाद उनको ट्रेनिंग देकर संबंधित थाने में भेजा जाएगा।

थानेदार समेत अन्य पुलिस कर्मियों की निगरानी भी करेगा।

थाने में भरोसे का अधिकारी फरियादियों की शिकायत सुनने और आईजी के 'एक नम्बर भरोसे का' हेल्पलाइन की शिकायतों की भी मॉनीटरिंग करेगा। साथ ही वो थानेदार की गतिविधियों पर भी नजर रखेगा। अगर थानेदार समेत अन्य कोई भी अधिकारी फरियादियों की शिकायत सुनने में आनाकानी करता है या फिर वो शिकायतों के निस्तारण में हीलाहवाली करता है तो भरोसे का अधिकारी उनकी शिकायत ऊपर पहुंचाएगा। जिस पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

रिपोर्ट दर्ज न करने की शिकायत में आएगी कमी

थाने में भरोसे का अधिकारी बैठने की व्यवस्था लागू होने से फरियादियों के मन में पुलिस का खौफ कम होगा। पब्लिक का पुलिस पर भरोसा बढ़ेगा। वे बेखौफ होकर थाने में जाकर शिकायत करेंगे। भरोसे का अधिकारी उनकी पूरी समस्या सुनेगा और रिपोर्ट दर्ज करवाएगा। जिससे थाने में सुनवाई और रिपोर्ट दर्ज न होने की शिकायत पर भी अंकुश लगेगा।

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थाने में फरियादियों को सहुलियत देने के लिए यह व्यवस्था शुरू की गई है। इसमें सुलझे हुए और कूल ऑफिसर का चयन कर उन्हें भरोसे का अधिकारी बनाया जाएगा। इससे पुलिस के तीखे बर्ताव की शिकायत पर लगाम लगेगी। व्यवस्था अगले हफ्ते तक लागू हो जाएगी।

आशुतोष पाण्डेय, आईजी जोन