हाल-ए-माघ मेला स्वच्छता अभियान, डीएम ने किए थे कई दावे, एक पर भी अमल नहीं

त्रिवेणी पुल के पास बहते जानवर के शव से उठ रही थी दुर्गध, कुत्ते नोचने में जुटे थे

ALLAHABAD: मोक्षदायिनी मां गंगा की निर्मलता और स्वच्छता को लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे मिशन का इलाहाबाद में हाल बेहाल है। गंगा को स्वच्छ रखने के लाख दावे किए जा रहे हैं, लेकिन गुरुवार को त्रिवेणी पाण्टून पुल के पास मरे जानवर को कुत्ते नोचते नजर आए तो छतनाग घाट के आसपास बालू की रेती में एक या दो नहीं बल्कि कई डेडबॉडी गाड़ी हुई नजर आई। यह स्थिति तब है जब संगम की रेती पर साधु संन्यासियों की आवाजाही तेज हो गई है, क्योंकि जप-तप व अनुष्ठान का सिलसिला चार दिन बाद शुरू हो जाएगा।

तीन दिन पहले की डेडबॉडी

मेला क्षेत्र में संगम अपर मार्ग की ओर सबसे आखिर में छतनाग पुलिस चौकी बनाई गई है। चौकी से करीब एक किमी की दूरी पर स्थित छतनाग घाट के आसपास डेड बॉडी को जलाया जाता है। लेकिन पिछले दो दिन से बालू की रेत में कई डेड बॉडी को दफनाया गया है। घाट के आसपास ऐसी बॉडी देखी जा सकती है लेकिन मेला प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं है। यही नहीं त्रिवेणी मार्ग के करीब गंगा में गुरुवार को मरे जानवर की लाश बहती दिखी, जिसे कुत्ते नोच रहे थे। उसकी दुर्गध से वहां से गुजरना मुश्किल हो रहा था।

हवा हुआ स्वच्छता पर फोकस

संगम की रेती पर लगने जा रहे मेला में दी जाने वाली सुविधाओं को लेकर डीएम सुहास एलवाई ने 21 दिसम्बर को मेला प्रशासन कार्यालय में प्रेस वार्ता की थी। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया था कि मेला क्षेत्र में स्वच्छता को लेकर लगातार अभियान चलाया जाए। लेकिन उनके निर्देश का मेला क्षेत्र में असर नहीं दिखाई दे रहा है।

मेला क्षेत्र में इस तरह की अव्यवस्था है तो यह बहुत ही खराब स्थिति है। साफ-सफाई को लेकर मेला प्रशासन का काम इस बार ठीक नहीं है। इसीलिए अखाड़ा परिषद सरकार से पिछले तीन वर्षो से समाधि लिए जाने की मांग भी कर रहा है।

महंत नरेन्द्र गिरि, अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद