- राज्यपाल राम नाईक ने राष्ट्रपति के साथ अपने पुराने संस्मरण बताए

- कहा, पहले भाजपा में ज्यादा शिकायतें नहीं आती थी

- दिलाया याद, 14 सितंबर को ही संविधान सभा ने हिंदी को मान्यता दी

LUCKNOW:राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद के पहली बार यूपी आगमन पर राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि आज का दिन यूपी के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। वे एक मामूली देहात के कार्यकर्ता से देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचे हैं। इसे संयोग ही माना जाएगा कि आज हिंदी दिवस भी है और आज के ही दिन संविधान सभा ने हिंदी को राष्ट्र भाषा के रूप में मान्यता दी थी। साथ ही यह भी सुखद संयोग है कि आज देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ही यूपी से नाता रखते हैं।

कोविंद के साथ पुराना रिश्ता

नाईक ने खुलासा किया कि राष्ट्रपति से उनका स्नेह अलग है। जब वे राज्यसभा सांसद बने थे तो मैं केंद्रीय मंत्री था। पार्टी ने मुझे अनुशासन समिति का अध्यक्ष भी बनाया था जबकि कोविंद सदस्य थे। नाईक ने कहा कि उस दौरान भाजपा नेताओं की शिकायतें कम आती थी। यह सुनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत पूरे सभागार में मौजूद लोगों के चेहरे पर मुस्कान तैर गयी। नाईक ने आगे कहा कि जो शिकायतें आती थी, उस पर हम लोग कठोर निर्णय लेते थे। कहा कि पहले कोविंद मित्र के नाते राजभवन आते थे, अब राष्ट्रपति के नाते आ रहे हैं जिसकी मुझे बेहद खुशी है। वे बेहद शांत प्रवृत्ति के हैं।

बॉक्स

राष्ट्रपति का जीवन संघर्ष प्रेरणादायक

वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति का अभिनंदन करते हुए कहा कि एक संघर्षशील व्यक्तित्व देश के सर्वोच्च पद पर आसीन है। कोविंद के राष्ट्रपति बनने से पूरे प्रदेश को गौरव की अनुभूति हो रही है। वे अपने संघर्ष और परिश्रम के बदले यहां तक पहुंचे हैं। उनका जीवन भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है। कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद कोविंद ने महत्वपूर्ण बात कही थी कि मैं छोटे से गांव में मिट्टी के घर में पला-बढ़ा हूं। मेरे जीवन संघर्ष की लंबी यात्रा रही है। यह हम सबके लिए प्रेरणादायक है। योगी ने राष्ट्रपति को बताया कि यूपी सरकार ने पांच माह के कार्यकाल में गरीबों के उत्थान के लिए कई कार्यक्रम चालू किए है। स्वच्छता अभियान की उपलब्धियों पर बोले कि सूबे के चार शहर ओडीएफ मुक्त हो चुके हैं जबकि गंगा नदी के तट पर 25 जनपदों के 1627 गांवो को ओडीएफ मुक्त किया जा चुका है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भविष्य में हर परिवार के पास अपना शौचालय होगा। उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति का मार्गदर्शन उन्हें मिलता रहेगा।

झलकियां

नहीं दिखी भगवा तौलिया

अभिनंदन कार्यक्रम में पहली बार अफसर मुख्यमंत्री के निर्देश का पालन करते दिखे। दरअसल मंच पर राष्ट्रपति के बगल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी लगाई गयी थी लेकिन आज उस पर भगवा रंग का तौलिया नहीं था। मंच पर केवल राज्यपाल, दोनों सदनों के सभापति, दोनों डिप्टी सीएम और मंत्री सुरेश खन्ना को स्थान दिया गया।

भावुक हुए विधानसभा अध्यक्ष

कार्यक्रम के अंत में विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को धन्यवाद ज्ञापित करना था। अच्छे वक्ताओं में शुमार किए जाने वाले हृदय नारायण दीक्षित ने माइक तो संभाला लेकिन ठीक से अपनी बात नहीं बोल सके। उन्होंने स्वीकारा कि मेरे मन में भावनाएं तो बहुत हैं लेकिन इस मौके पर उसे व्यक्त करने के शब्दों की कमी है। दरअसल वे यूपी से राष्ट्रपति चुने जाने से बेहद भावुक थे।

खन्ना ने संभ्ाला मोर्चा

राष्ट्रपति के आगमन से चंद मिनट पहले तक सभागार में अव्यवस्था हावी रही। कार्यक्रम संचालक की हिदायतों पर भी कोई ध्यान नहीं दे रहा था। तभी संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने माइक संभाला और सबको अपनी सीट पर बैठने को कहा। इसके बाद ही सभागार व्यवस्थित हो सका।

कोट

आज का दिन यूपी के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। वे एक मामूली देहात के कार्यकर्ता से देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचे हैं। इसे संयोग ही माना जाएगा कि आज हिंदी दिवस भी है और आज के ही दिन संविधान सभा ने हिंदी को राष्ट्र भाषा के रूप में मान्यता दी थी।

राम नाईक, गवर्नर

एक संघर्षशील व्यक्तित्व देश के सर्वोच्च पद पर आसीन है। कोविंद के राष्ट्रपति बनने से पूरे प्रदेश को गौरव की अनुभूति हो रही है। वे अपने संघर्ष और परिश्रम के बदले यहां तक पहुंचे हैं। उनका जीवन भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है।

-योगी आदित्यनाथ, सीएम