-कानपुर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किसानों और उद्योगों को आगे बढ़ाने के दिए सुझाव

-सीएसए में आयोजित एग्रीकॉन-2018 में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे देश के प्रथम नागरिक

- निर्यात में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए उत्पादों की क्वॉलिटी बेहतर करने का दिया सुझाव

- पारंपरिक व्यंजनों के जरिए देश के विकास में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का किया आह्वान

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KANPUR : प्रेसीडेंट रामनाथ कोविंद बुधवार को दूसरी बार अपने गृह जनपद पहुंचे तो वह राष्ट्रपति से ज्यादा एक अभिभावक और मैनेजमेंट गुरु के रूप में नजर आए। उन्होंने कानपुर सहित पूरे देश के किसानों की आय बढ़ाने और महिलाओं को घर से निकल कर अपने पैरों पर खड़े होने के लिए गुरु मंत्र भी दिए। उन्होंने कहा कि कानपुर में पारंपरिक व्यंजनों की भरमार है, इस पर महिलाओं को कार्य करने की जरूरत है। इसे आगे बढ़ाया जाना चाहिए। इससे महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा और उनकी आय भी बढ़ेगी। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने छोटे किसानों के लिए छोटे फूड क्लस्टर बनाए जाने पर जोर दिया, जिससे किसानों को भी इसका सीधा लाभ मिल सके। राष्ट्रपति ने यह बातें सीएसए और वीएसएसडी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान कही।

व‌र्ल्ड लेवल की क्वालिटी करें मेंटेन

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लेकर एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर ने सीएसए के हेलिपैड में लैंड किया। यहां राष्ट्रपति ने इंटरनेशनल एग्रीकल्चरल कॉन्फ्रेंस 'एग्रीकॉन-2018' में आयोजित एग्जीबिशन और कार्यक्रम का इनॉगरेशन किया। इस मौके पर उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने और उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए कई टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि किसान अन्नदाता है। देश में आज भी 60 परसेंट खेती वर्षा पर आधारित है। 13 राज्यों को सूखे की स्थिति का सामना करना पड़ता है। कॉन्फ्रेंस में मौजूद वैज्ञानिकों से उन्होंने कहा कि खेती में क्षेत्रीय समस्याओं पर फोकस कर रिसर्च की जाए और किसानों की समस्याओं को सुलझाएं। दुनिया में निर्यात के मामले में भारत का हिस्सा महज 11 परसेंट का है, भारत सरकार ने 2025 तक इसे बढ़ाकर एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पाने के लिए हमें निर्यात होने वाले उत्पादों की क्वालिटी को व‌र्ल्ड क्लास करना होगा। एक वकील होने के नाते उन्होंने गरीबों के लिए न्याय प्रक्रिया को सस्ता, सरल और छोटा करने के लिए प्रयास करने पर जोर दिया

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राष्ट्रपति ने दिए ये सुझाव

-छोटे किसानों के लिए आय के नए स्त्रोत तलाश किए जाएं

-पारंपरिक पौष्टिक भोजन, मोटे अनाज को बढ़ावा दिया जाए

-महिलाओं के उत्पादों की ब्रांडिंग पर और जोर दिया जाए।

-फूड पार्क बनाने के लिए आगे बढ़कर काम किया जाए।

-छोटे किसानों के लिए छोटे क्लस्टर डेवलप किए जाएं।

-महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को जोड़ा जाए।

-उत्पाद सही हो, जिससे उसके प्रति लोगों में विश्वास पैदा हो

-वैज्ञानिक किसानों की समस्याओं का समाधान निकालें।

-न्यायालयों की प्रक्रिया सस्ती और सरल होनी चाहिए

--न्यायालयों में दिए जाने वाले आदेश हिंदी में भी हों।