प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया का प्रोग्राम भी ठीक से कंडक्ट नहीं करा सके युनिवर्सिटी के जिम्मेदार

भाषण शुरू होते ही झिलमिलाने लगी स्क्रीन, प्राब्लम से लास्ट नहीं सुनाई दे सकी साफ आवाज

ALLAHABAD: सेंट्रल यूनिवर्सिटी इलाहाबाद के लिये इससे ज्यादा शर्मनाक बात क्या हो सकती है कि देश के राष्ट्रपति का प्रोग्राम भी यहां के जिम्मेदार ठीक से कंडक्ट नहीं करा सके। वह भी तब जब सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं महामहिम का भाषण सुनने के लिए जुटे हों। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में वीसी तो मौजूद रहे, लेकिन उनकी मौजूदगी के बावजूद अधिकतर फैकेल्टी मेम्बर नदारद रहे।

चुनिंदा चेहरे ही आये नजर

सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के विजिटर प्रणब मुखर्जी को वेबकास्ट के थ्रू वीडियो कांफ्रेंसिंग से फैकेल्टी, स्टूडेंट एंड स्टॉफ को सम्बोधित करना था। प्रोग्राम का टॉपिक बिल्डिंग ए ह्यूमेन एंड हैप्पी सोसायटी था। इसकी इन्फार्मेशन सभी को एक दिन पहले मीडिया के माध्यम से दी गई थी। मंडे को सीनेट हाल में हुये इस आयोजन में मुट्ठीभर फैकेल्टी मेम्बर्स भी नहीं पहुंचे। इम्पलाईज तो दिखे ही नहीं। हां, स्टूडेंट्स बहुत हद तक जिम्मेदार नागरिक का व्यवहार करते दिखे। उनकी ठीकठाक गैदरिंग प्रोग्राम से काफी पहले ही हो गई थी। दोपहर में तकरीबन 12:30 बजे के आसपास प्रोग्राम शुरु हुआ।

भाषण के साथ प्राब्लम शुरू

प्रोग्राम में वीसी के अलावा रजिस्ट्रार प्रो। एनके शुक्ला, चीफ प्रॉक्टर प्रो। हर्ष कुमार, आईसीटी सेल के एक्स। चेयरमैन प्रो। आरके सिंह, प्रो। अनुपम दीक्षित, प्रो। आरके चौबे, प्रो। सुनीत द्विवेदी, डॉ। आरकेपी सिंह और लाइब्रेरियन बीके सिंह ही नजर आये। प्रेसिडेंट ने जैसे ही राष्ट्रगान शुरु किया, सामने लगाई गई स्क्रीन पर झिलमिलाने लगी। यह सिलसिला कार्यक्रम के अंत तक चलता रहा। ऐसे में अग्रेजी भाषा में दिया गया राष्ट्रपति का सम्बोधन सीनेट हाल में मौजूद किसी के लिये भी समझ पाना मुश्किल काम रहा।

नाराज होकर निकले स्टूडेंट

प्रोग्राम को न देख पा रहे और न ही सुन पा रहे स्टूडेंट्स कुछ देर तक तो पेशेंस के साथ बैठे रहे, लेकिन जब गड़बड़ी का सिलसिला खत्म होता नहीं नजर आया तो पीछे से वे खिसकना शुरू हो गए। व्यवस्था से वीसी प्रो। आरएल हांगलू भी खिन्न नजर आये। बता दें कि राष्ट्रपति का कार्यक्रम पहले भी इसी तरह की समस्याओं को झेलता रहा है, लेकिन इसके बावजूद इसमें सुधार के लिए पहल नहीं की गई।