-प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी ने देशभर के एनआईटी डायरेक्टर्स के साथ किया कांफ्रेंस

-इनोवेशन व रिसर्च पर जोर, कहा-एनआईटी अन्य इंस्टीट्यूट्स के साथ भी एक सिनर्जी स्थापित करे

PATNA: टेक्नोलॉजी का लाभ सोसायटी के हर तबके तक पहुंचना चाहिए। जब तक यह आमलोगों के साथ पूरी तरह से नहीं जुड़ेगा, तब तक इसका पूरा लाभ मिलने की आशा नहीं की जा सकती है। देशभर के एनआईटी इसमें एक लीडिंग रोल प्ले कर सकते हैं। ये बातें प्रेसिडेंट डॉ प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में एनआईटी डायरेक्टर्स के साथ दो दिनों (ख्9 और फ्0 अक्टूबर) के कांफ्रेंस के दौरान कहीं। एनआईटी डायरेक्टर्स का प्रेसिडेंट के साथ यह सेकेंड कांफ्रेंस था। इससे पहले नवंबर, ख्0क्फ् में कांफ्रेंस की गयी थी। इस बार के कांफ्रेंस में देश के डेवलपमेंट में रिसर्च और टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन का एजेंडा प्रमुख रूप से शामिल किया गया है। इसमें टेक्नोलॉजी इनेबल्ड लर्निग के माध्यम से फैकल्टी डेवलपमेंट के इंटरनेशनल नेटवर्क को बढ़ाने की बात भी की गयी। इसमें लास्ट ईयर के एक्शन टेकन रिपोर्ट के रेकमंडेशन पर भी चर्चा की गयी। एनआईटी पटना की ओर से जारी एक प्रेस रिलीज में इसकी जानकारी दी गयी है। एनआईटी पटना के डायरेक्टर प्रो। अशोक डे और बिहार गवर्नमेंट के प्रतिनिधिमंडल भी इसमें मौजूद थे।

तभी बढ़ सकते हैं आगे

प्रेसिडेंट डॉ प्रणब मुखर्जी ने कांफ्रेंस में एनआईटी डायरेक्टर्स को एड्रेस करते हुए कहा कि एनआईटी का देश में रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण स्थान है। अगर सही एनवायरमेंट मिले, तो हमारे साइंटिस्ट दुनिया में अपना नाम रौशन करते हैं। एनआईटी के टेक्नीकल और क्वालिटी एजुकेशन की चर्चा करते हुए एक सिनरजेटिक कोलैबरेशन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि एनआईटी अपने जैसे इंस्टीट्यूशन के साथ देश भर में एक ऐसी व्यवस्था लाए, जिसमें मल्टीपल लेबल पर कांटेक्ट बनाया जा सके। इससे इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ा जा सकता है।

मॉडल विलेज के लिए करे काम

टेक्नोलॉजी का लाभ हर आम आदमी तक पहुंचाने की बात करते हुए प्रेसिडेंट ने एनआईटी डायरेक्टर्स से एक अपील की। उन्होंने कहा कि हाल ही में सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की गयी। अगर इसी तर्ज पर हर एनआईटी इंस्टीट्यूट एक ग्राम या विलेज को एडॉप्ट करे तो उसे एक मॉडल विलेज बनाया जा सकता है। यदि जरूरत पड़े तो सेंट्रल गवर्नमेंट के एक्सपर्ट लोग भी हेल्प कर सकते हैं।

डिजिटल डिवाइड को करे दूर

इस टॉपिक के बारे में प्रेसिडेंट ने अपना आइडिया शेयर किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में 'मेक इन इंडिया और 'डिजिटल इंडिया' कैंपेन की शुरुआत की गयी है। इसमें महत्वपूर्ण है कि डिजीटल डिवाइड को दूर करने में एनआईटी की प्रमुख भूमिका हो सकती है। रूरल इनोवेशन, लोकल इम्पलाइमेंट और वल्ड क्लास मैन्यूफैक्चरिंग-इन सभी के बीच एक एनर्जी और को-आर्डिनेशन की भूमिका से तस्वीर बदल सकती है।

अलुमिनाई को भी करें शामिल

एक इंस्टीट्यूशन लेबल पर एनआईटी इंजीनियरिंग टैलेंट का एक पूल का काम करता है। इसमें रिसर्च, टीचिंग एक्सलेंस, इंडस्टी लिंकेज के साथ सोशल रेस्पांसिबिलिटी का भी मिक्स है। अगर यहां के एलुमनाई, जो कि एक बेस्ट इंजीनियरिंग टैलेंट की तरह भी हैं, अगर वे इस डेवलपमेंट में फुल टाइम इंगेज किए जाएं, तो एक डायनेमिक रिजल्ट पा सकते हैं।