- एलटी ग्रेड में फर्जी डॉक्यूमेंट्स लगाकर हासिल की थी नौकरी

- वेरीफिकेशन में फर्जीवाड़े का खुलासा, अब रिपोर्ट बदलने का दबाव

LUCKNOW: राजकीय स्कूलों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती में कैंडीडेट्स द्वारा फर्जी डाक्यूमेंट्स लगाने का मामला उजागर होने के बाद अब फर्जी टीचर्स को बचाने के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक फर्जी डॉक्यूमेंट लगाने वाले कैंडीडेट्स को बचाने के लिए नेता, शिक्षा विभाग और शासन के बड़े अधिकारी वेरीफिकेशन रिपोर्ट बदलने का दबाव बना रहे हैं। इस प्रेशर पॉलिटिक्स से निपटने के लिए ज्वाइंट डायरेक्टर माध्यमिक ने फैजाबाद यूनिवर्सिटी, लखनऊ यूनिवर्सिटी व प्रदेश के दूसरी यूनिवर्सिटी को अपनी वेरीफिकेशन रिपोर्ट में गोपनीयता बरतने के लिए निर्देश दिए और परीक्षा विभाग को पत्र भी लिखा है।

जांच में हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा

माध्यमिक शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि 2012 में जारी किए गए एलटी ग्रेड के 214 पदों के लिए आवेदन मांग गए थे। इसमें काफी कैंडीडेट्स ने फर्जी मार्कशीट बनाकर आवेदन कर दिया था। जिसमें लखनऊ यूनिवर्सिटी की मार्कशीट व डिग्री भी शामिल थीं। जांच में यूनिवर्सिटी ने इन मार्कशीट्स को फर्जी करार दिया था। जिसके बाद 2014 में ज्वाइन करने वाले कई कैंडीडेट्स पर जांच बैठाकर उनकी सैलरी पर रोक लगा दी गई थी। अब इन्हीं कैंडीडेट्स के वेरीफिकेशन रिपोर्ट बदलने के लिए हर स्तर पर दबाव बनाया जा रहा है। साल 2014 में आए 741 पदों की भर्ती प्रक्रिया के लिए आए आवेदनों में भी 50 प्रतिशत फर्जी मार्कशीट के मामले आए। सूत्रों का कहना है कि इन्हीं फर्जी कैंडीडेट्स को बचाने के लिए शासन, बोर्ड व कई बड़े अधिकारी दबाव बना रहे हैं।

रिपोर्ट बदलने की कोशिश

सूत्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी की वेरीफिकेशन रिपोर्ट को दोबारा से तलब कराने के लिए नेताओं व अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है। ताकि यूनिवर्सिटी जब दोबारा से रिपोर्ट भेजे तो इसे यूनिवर्सिटी स्तर, डाक विभाग या फिर माध्यमिक स्तर पर बदल दिया जाए। सूत्रों का कहना है कि पिछली बार भी डाक विभाग से रिपोर्ट बदलने की कोशिश की जा चुकी है। पर डाक विभाग को समय से पता लगने के कारण रिपोर्ट नहीं बदली जा सकी है।

गोपनीय लेवल पर होगी जांच

जेडी ने यूनिवर्सिटी को भेजे लेटर में कहा कि इस पूरे मामले पर गंभीरता बरती जाए। यूनिवर्सिटी व माध्यमिक शिक्षा विभाग कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों को चिन्हित कर उनसे ही इस पूरे मामले पर रिपोर्ट से जुड़ी चर्चा की जाए। जिससे रिपोर्ट की गोपनियता बनी रहे।

इस बार भी फर्जीवाड़ा

दरअसल, लखनऊ मंडल में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक प्रशिक्षित स्नातक (एलटी) वेतनक्रम में पुरुष शाखा के 216 खाली पदों पर भर्ती के लिए 26 सितंबर 2012 को विज्ञापन निकाल कर आवेदन मांगे गए थे। उसके बाद मंडलीय समिति ने विभिन्न विषयों एवं वर्गो में आवेदन करने वाले कैंडीडेट्स की वरीयता सूची के अनुसार अनंतिम चयन किए जाने के लिए कट ऑफ मेरिट 4 फरवरी 2014 को जारी की गई थी। कट ऑफ के बाद शैक्षिक अभिलेखों की जांच के लिए 17 और 18 फरवरी को काउंसिलिंग भी हुई। जिसके बाद इन सभी को नियुक्ति पत्र जारी कर कार्यभार भी ग्रहण करा दिया गया। मौजूदा समय में चल रही 741 पदों की भर्ती प्रक्रिया में करीब 60 कैंडीडेट्स के डॉक्यूमेंट्स में फर्जीवाड़ा करने का मामला प्रकाश में आया है। इसके लिए जेडी ने एलयू के परीक्षा नियंत्रक को पत्र भेजकर गोपनीय तरीके से इसकी रिपोर्ट मांगी है।

एलयू के 60 वेरीफिकेशन की रिपोर्ट पर दोबारा से संदेह होने पर इसकी रिपोर्ट एलयू से मांगी गई है। इन रिपोर्ट को भेजने के लिए एलयू से पूरी गोपनीयता बरतने के लिए कहा गया है। ताकि कहीं से कोई चूक न हो जाए।

दीप चंद्र, जेडी, लखनऊ

जेडी ने लेटर लिखा है, पहले भी इन कैंडीडेट्स की वेरीफिकेशन रिपोर्ट भेजी गई थी। वह दोबारा से संदेह होने पर रिपोर्ट मांगी जा रही है। जल्द ही नए सिरे से रिपोर्ट बनाकर भेज दी जाएगी।

प्रो। एके शर्मा, परीक्षा नियंत्रक, एलयू

2014 एलटी ग्रेड

741 पदों पर भर्ती

60 कैंडीडेट के दस्तावेज फर्जी

2012 एलटी ग्रेड

214 पदों पर भर्ती

16 कैंडीडेट के दस्तावेज फर्जी