क्लास की दीवारों पर गलत अंकित हैं लर्निग मैटीरियल

वर्षो से गलत पढ़ रहे हैं बच्चे, विभाग ने नहीं ली सुध

>BAREILLY:

कहते हैं कि बच्चे गीली मिट्टी के समान होते हैं। उन्हें जिस रूप में ढाल दिया जाए वह वही रूप ले लेते हैं। उन्हें बचपन में जो बातें सिखाई जाती हैं। वह बातें उनके दिमाग में घर कर जाती हैं। जबकि शहर के सूफी टोला स्थित प्राइमरी विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई साथ खिलवाड़ हो रहा है। किसी अनपढ़ पेंटर की गलती के कारण बच्चे दिन का नाम ही गलत पढ़ रहे हैं। अब इसे विभाग की लापरवाही कहें या गरीब बच्चों की बदनसीबी कि उन्हें प्राइमरी स्कूल में पढ़ना पढ़ रहा। जहां उन्हें क्या पढ़ाया जा रहा। इसको पूछने वाला कोई नहीं है।

दिनों का नाम गलत

प्राइमरी स्कूल, सूफी टोला फ‌र्स्ट एक कमरे में चलता है। यहां टोटल 70 छात्र पढ़ रहे हैं। एक इंचार्ज शिक्षक के सहारे चल रहे स्कूल के अंदर की दीवारे टीएलएम से पेंटेड हैं। जिसमें गलत ढंग से दिनों के नाम छपे हुए हैं। सोमवार की जगह सोमबार, बुधवार की जगह बुद्धबार, वृहस्पतिवार की जगह वृस्पतिबार व इसी तरह अन्य दिनों के नाम भी गलत अंकित हैं। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, स्कूलों टीएलएम पेंट हुए तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं। यानि तीन साल से छात्र गलत हिंदी सीख रहे हैं लेकिन इस ओर विभाग की कोई नजर नहीं जा रही है।

टीएलएम के नाम पर खानापूर्ति

इस स्कूल की क्लास में गलत लिखा टीएलएम मात्र नजीर भर है, जिले भर में गलत पेंट हुए टीएलएम वाले तमाम उदाहरण मिल जाएंगे। दिक्कत यह है कि इन बातों को छोटा समझकर कोई इस ओर ध्यान नहीं देता। स्कूल की दीवार पर टीएलएम पेंट करवाने के पीछे शिक्षा विभाग की मंशा थी कि क्लास रूम में बच्चे दीवारों पर चित्रकारी करके लिखे गए लर्निग मटीरियल को देख समझकर सीखें। ताकि उन्हें दिक्कत न हो। इस उद्देश्य से क्लास की दीवारों में हिंदी वर्णमाला, अक्षर ज्ञान, गिनती, दिनों के नाम, इंग्लिश अल्फाबेट आदि चीजें पेंट करवाई गई, लेकिन स्कूलों में गलत पेंट हुए टीएलएम ये दर्शाने के लिए काफी हैं, कि उद्देश्य की कितनी पूर्ति हो रही है।

टीएलएम पेंट करने वाला पेंटर अनपढ़ था, जिस समय पेंट किया जा रहा था, मैं उस वक्त अवकाश पर था। इस वजह से गलत पेंट हो गया। हालांकि बच्चों को सप्ताह के नामों की सही हिंदी ही सिखाई गई है।

- मोहम्मद अनस, इंचार्ज, प्राइमरी स्कूल सूफी टोला-1

ऐसी दिक्कते पेंटर के पढ़े-लिखे न होने से आती है। नगर शिक्षा अधिकारी को निर्देश देकर टीएलएम की गलतियां सुधारी जाएंगी।

- डीएल गुप्ता, डिप्टी बीएसए