स्लग: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2 अक्टूबर को नए घरों में कराया जाएगा शिफ्ट

-अधिकतर लोगों का आवास निर्माण नहीं हुआ पूरा

Figures speak

9978 आवास बनाने का था टारगेट

801 लाभुकों ने कर दिया सरेंडर

9076 ने आवास बनाने का किया है एग्रीमेंट

886 लोगों का शुरू ही नहीं हुआ काम

ranchi@inext.co.in

RANCHI (24 Sep): प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ख् अक्टूबर को ढाई हजार लाभुकों को गृह प्रवेश कराने का टारगेट था। लेकिन, आवास निर्माण की गति इतनी धीमी है कि अधिकतर का काम पूरा ही नहीं हो पाया है। ऐसे में 700 लोग ही ख् अक्टूबर को गृह प्रवेश कर पाएंगे। बाकी लोगों को धीरे-धीरे काम पूरा होने के बाद घरों में शिफ्ट कराया जाएगा। गौरतलब हो कि राजधानी में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 9978 आवास बनाने का टारगेट था। इसमें 80क् लाभुकों ने सरेंडर कर दिया था। बताते चलें कि योजना के तहत सरकार की ओर से लाभुकों को घर बनाने के लिए ख् लाख ख्भ् हजार रुपए दिए जा रहे हैं, ताकि ख्0ख्ख् तक हर व्यक्ति का अपना घर हो।

ब् इंस्टॉलमेंट में पेमेंट

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को आवास बनाने के लिए सरकार की ओर से दो लाख ख्भ् हजार रुपए दिए जा रहे हैं। इसमें लाभुक के पास अपनी जमीन जरूरी है। इसके बाद फंडामेंटल लेवल पूरा करने पर ब्भ् हजार, लिंटल लेवल के बाद म्7भ्00, रूफ कास्ट पूरा करने पर ब्भ् हजार और फाइनल होने के बाद म्7भ्00 का पेमेंट किया जाना है। ऐसे में लोग अपने घरों का काम करा रहे है। और काम पूरा होने के बाद उन्हें पेमेंट किया जा रहा है।

आरएमसी से किया है एग्रीमेंट

फ‌र्स्ट और सेकेंड फेज में रांची में 9978 आवास बनाने का टारगेट रखा गया था। लेकिन कुछ लोगों ने आवेदन देने के बाद सरेंडर कर दिया। ऐसे में वेरीफिकेशन के बाद 907म् लोगों ने घर बनाने के लिए रांची नगर निगम के साथ एग्रीमेंट साइन किया। जिसमें से 8क्9क् लोगों ने घर बनाने का काम शुरू कर दिया है। घर बनाने के लिए निगम की ओर से कुछ कांट्रैक्टरों को भी अधिकृत किया गया है।

कांट्रैक्टर ने लटकाया काम

एग्रीमेंट किए जाने के बाद भी अबतक 88म् लोगों का काम कुछ कारणों से शुरू नहीं हो सका है। ऐसे में लाभुकों को चिंता सता रही है कि अब उनका घर बनेगा भी या नहीं। वहीं कई लोगों के आवास बनाने का काम कांट्रैक्टर ने शुरू करने के बाद बीच में ही लटका दिया है। अब लाभुक उनसे अपना एग्रीमेंट वापस लेने की तैयारी में है।