प्रधानमंत्री ने बिहार की जनता को बधाई दी
बिहार दिवस पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की जनता को बधाई दी हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि बिहार दिवस के अवसर पर बिहार की बहनों और भाइयों को हार्दिक शुभकामनाएं। देश के विकास में बिहार के लोगों का प्राचीन काल से ही विशेष योगदान रहा है। बिहार दिवस 1912 में अंग्रेजों द्वारा बंगाल प्रेसीडेंसी से बिहार राज्य बनाया गया था।

बिहार के मुख्यमंत्री ने भी दी शुभकामनाएं

'बिहार दिवस' पर सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही नहीं बल्कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता गिरिराज सिंह व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी लोगों को बधाई संदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बिहार की निरंतर प्रगति एवं समृद्धि की कामना की है। इसके अलावा उन्होंने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहा है।

'बिहार दिवस' पर pm मोदी ने दी बधाई,जानें कैसे पड़ा था इस राज्‍य का नाम ब‍िहार

आज 106 साल का हो गया है बिहार
बिहार 22 मार्च 1912 को बंगाल से अलग होकर एक अलग राज्य बना था। ऐसे में आज यह 106 साल का हो गया है। बिहार का नाम पहले बिहार नहीं था। इसका प्राचीन नाम मगध था। इतना ही नहीं वर्तमान में जो इसकी राजधानी है इसका नाम भी यह नहीं था। बिहार की राजधानी पटना का नाम प्राचीन नाम पाटलिपुत्र था। यह इसी नाम से जानी जाती थी।

ऐसे हुआ मगध-विहार से बिहार नाम
बिहार का नाम बिहार होने के पीछे माना जाता है कि हमेशा से बौद्ध भिक्षुओं का मुख्य स्थान रहा है। ऐसे में यहां पर बड़ी संख्या में बौद्ध विहार हुआ करते थे, वे यहीं पर रहते थे। इसलिए बौद्ध विहारों के विहार शब्द से इस राज्य का नाम बिहार हो गया। हालांकि लोग शुरू से लोग विहार की जगह बिहार कहते थे। ऐसे में धीरे-धीरे इसका नाम विहार से बिहार हो गया।

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बिहार राज्य तीन बार हुआ विभाजित
बिहार बंगाल के अलावा दूसरे राज्यों से भी विभाजित हुआ है। 1935 में बिहार उड़ीसा से अलग हुआ। वहीं भारत आजाद होने के बाद भी एक बार यह विभाजित हुआ। 2000 में बिहार से झारखंड को अलग कर दिया दिया गया। भारत छोड़ो आंदोलन में इस राज्य की विशेष भूमिका रही है। बिहार के चंपारण गांधी धी जी ने अपना पहला आंदोलन शुरू किया था।

इतिहास नहीं वर्तमान में भी है नाम

बिहार गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों में बसा है। यहां की संस्कृति में मगध, अंग, मिथिला तथा वज्जी संस्कृतियों का अनोखा मिश्रण देखने को मिलता है। नालंदा यूनवर्सिटी जैसे प्राचीन शिक्षण संस्थान वर्तमान में भी दुनिया के बड़े शिक्षण संस्थानों में शामिल है। यह राज्य अपनी खानपान की विविधता के लिए भी मशहूर है।

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