-124 साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री से लेकर चीफ जस्टिस तक कॉलेज की देन

-100 से ज्यादा कोर्स को संचालित करने वाला वेस्ट यूपी का पहला कालेज

Meerut: मेरठ कालेज का नाम सबसे पहले जेहन में आता है। तो उन नामचीन हस्तियों की छवि आती है जो मेरठ कॉलेज की उपलब्धि रही हैं। जी हां मेरठ कॉलेज शहर की अमूल्य धरोहरों में से एक है। शहर के सबसे पुराने कॉलेज ने सिर्फ देश में ही नहीं मेरठ का नाम विदेशों में भी ऊंचा किया है। प्रधानमंत्री से लेकर चीफ जस्टिस तक देश को देने वाला यह कॉलेज अपने आप में कई राज समेटे है। ब्रिटिश शासन काल से संचालित मेरठ कालेज में 100 से ज्यादा कोर्स संचालित होते हैं। 50 एकड़ जमीन पर फैला अदभुत कैंपस आज भी अनूठा दिखाई पड़ता है।

कॉलेज का इतिहास

मेरठ कॉलेज की स्थापना सन् 1892 ई को ब्रिटिश शासन काल के दौरान हुई थी। उस समय वेस्ट यूपी के 15 जिलों में यह पहला कालेज था। कॉलेज की इमारत अंग्रेजी शासन की लखोरी ईटों से बनी थी। कालेज का एफिलिएशन उन दिनों कलकत्ता यूनिवर्सिटी से था। उस समय कालेज में 1500 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते थे। स्थापना के 40 साल बाद आगरा यूनिवर्सिटी बनने पर वहां से कॉलेज को कनेक्ट किया गया।

कॉलेज की बनावट

कालेज शहर के बीचो-बीच करीब 50 एकड़ जमीन पर बना है। कालेज में 300 से ज्यादा कमरे हैं। जिनमें आज भी ट्रेडिशनल और प्रोफेशनल करीब 100 कोर्स संचालित होते हैं। शहर में कॉलेज के पांच हॉस्टल हैं। जिनमें गांव देहात से आकर हजारों बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। कॉलेज में टीचिंग और नॉन टीचिंग मिलाकर करीब 200 लोगों का स्टॉफ है।

कॉलेज की विशेषता

ब्रिटिश शासन काल में वेस्ट यूपी में देहात के बच्चों के पढ़ने का एकमात्र शिक्षण संस्थान। जहां से पढ़कर दर्जनों बच्चे देश के उच्चतम पदों पर आसीन हुए। कालेज में फिजिक्स और बॉटनी व‌र्ल्ड लेवल के डिपार्टमेंट हैं। जिनमें ब्रिटिश शासन काल में भी हाईटेक लैब हुआ करती थी।

सबसे चर्चित प्रिंसिपल

सन 1942 में कर्नल ऑडोनल कालेज के प्रिंसिपल बने। जिनके नेतृत्व में कालेज ने दर्जनों उपलब्धियां हासिल की। कर्नल ऑडोनल आयरलैंड के थे। ब्रिटिश शासन ने उन्हे विशेष तौर पर बुलाया गया था। कर्नल ऑडोनल के समय में पुलिस बिना इजाजत के कालेज के अंदर प्रवेश नहीं कर सकती थी।

कॉलेज से निकली चर्चित हस्ती

-चौधरी चरण सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री

-हिदायतुल्ला, पूर्व उप राष्ट्रपति व चीफ जस्टिस

- मुरली मनोहर जोशी, पूर्व के न्द्रीय मंत्री

-सत्यपाल मलिक, पूर्व केन्द्रीय मंत्री

-अजीत डोभाल, नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर

- चौधरी विशंबर सिंह, पूर्व यूपीपीएसी चेयरमैन उत्तर प्रदेश

- डॉ। शेखर, पूर्व विदेश सेक्रेटरी

- केपी सिंह चेयरमैन डीएलएफ

- भारत भूषण, फिल्म एक्टर

- शेखर फिल्म, एक्टर

- पंडित मुखराम शर्मा, नेशनल राइटर

-बशीर बद्र, शायर

-हरिओम पंवार, नामचीन कवि

-हफीज मेरठी, नेशनल शायर

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