- सीसीआईएम से मान्यता की मांग कर रहे हैं छात्र

- बिना मान्यता लखनऊ यूनिवर्सिटी ने रिजल्ट देने से किया था इनकार

- बीते तीन दिनों से स्टूडेंट्स धरना-प्रदर्शन कर रहे

LUCKNOW : अपनी मांगों को पूरा न होते देख यूनानी मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने संडे को प्रिंसिपल को बंधक बना लिया। सुबह प्रिंसिपल स्टूडेंट्स से मिलने पहुंचे थे। इस बीच स्टूडेंट्स को समझा-बुझाकर धरना-प्रदर्शन समाप्त करने की बात कहते हुये वादा किया कि वे स्वयं दिल्ली जाएंगे और समस्या को सॉल्व कराएंगे। इतना कहने के बाद वे अंदर चले गए। मगर नाराज स्टूडेंट्स ने गेट पर ताला डाल दिया। तकरीबन आठ घंटे तक स्टूडेंट्स ने उन्हें बंधक बनाये रखा। साल ख्0क्क् बैच के स्टूडेंट लखनऊ यूनिवर्सिटी की ओर से रिजल्ट रोके जाने से नाराज हैं।

जानकारी के मुताबिक, संडे को जैसे प्रिंसिपल अंदर पहुंचे छात्रों ने बाहर से गेट पर ताला जड़ दिया। स्टूडेंट्स का कहना था कि प्रिंसिपल व अन्य अधिकारी अंदर बैठकर कागज तैयार करें। अगर वे काम नहीं करेंगे तो जरूरी कागज तैयार नहीं होंगे। इस कारण ही उन्हें बंद कर दिया। दोपहर बाद तक प्रिंसिपल अंदर ही बंधक बने रहे। इस दौरान किसी को भी बाहर जाने का मौका नहीं मिला। उन्होंने स्टूडेंट्स से संडे देर शाम ही या सोमवार को दिल्ली जाकर बात करने की बात कही उसके बाद छात्र माने।

अब सीसीआईएम से मान्यता की मांग

राजकीय यूनानी कॉलेज के ख्0क्क् बैच के ब्0 स्टूडेंट्स अब तक लखनऊ यूनिवर्सिटी से रिजल्ट घोषित करने की मांग कर रहे थे। जबकि, यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि इस कॉलेज के ख्0क्क् बैच का केन्द्रीय भारतीय चिकित्सा परिषद (सीसीआईएम) से मान्यता नहीं है। इस कारण उनका प्रवेश ही अवैध है। ऐसे में ब्0 स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में है। यही कारण है कि थर्सडे से छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। इस हंगामे के बीच संडे को ओपीडी, मेडिसिन काउंटर हर जगह ताला लगाकर खूब प्रदर्शन किया गया। रोजाना लगभग फ्00 से ज्यादा मरीज लगातार दूसरे दिन भी बिना इलाज के लौट गए।

शिफ्ट होगा कॉलेज

राजकीय यूनानी कॉलेज की चौक स्थित इमारत से कॉलेज शिफ्ट होगा। यहां पर जिला चिकित्सालय बनाया जाएगा जबकि कॉलेज रमा बाई अंबेडकर रैली स्थल के निकट पहुंच जाएगा। प्रिसिंपल डॉ। सिंकदर हयात सिद्दीकी ने बताया कि शासन को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। अभी म्0 बेड के हॉस्पिटल को क्00 बेड का बनाया जाएगा। साथ ही इसमें अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी प्रदान की जाएगी और पैथोलॉजी जांचों को माइक्रोस्कोप की जगह आधुनिक मशीनें भी लगाई जाएंगी।