परिवार भी रखते हैं साथ

मध्यप्रदेश सरकार की पहल पर होशंगाबाद जिले में यह अनोखी जेल काफी चर्चा का विषय बनी हुई है। छह सालों से संचालित इस जेल में उन कैदियों को रखा जाता है, जिनका सजा के दौरान आचरण और व्यवहार अच्छा रहता है। इस जेल में कैदी अपने परिवार को भी साथ रख सकते हैं और रोजगार करके अपने पारिवारिक जिम्मेदारी भी निभा सकते हैं। आम आदमी की तरह उन्हें जेल से बाहर जाने की इजाजत मिलती है और पैसा कमाते हैं।

18 कैदी रह रहे परिवार के साथ

इस जेल में रहने वाला एक कैदी अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाए है और जेसीबी मशीन चलाकर हर महीने 50 हजार रुपये तक कमा लेता है। यह कैदी हत्या के जुर्म में जेल गया था। बताते हें कि इस जेल में अभी तक 64 कैदी आए थे जिसमें कि 46 अपनी सजा पूरी करके रिहा हो चुके हैं। बाकी 18 कैदी अपने परिवार के साथ रह रहे हैं।

क्या-क्या करते हैं काम

इस जेल में रहने वाले कैदी कैंटीन चलाकर, फल बेचकर और अपनी योग्यता के अनुसार अलग- अलग काम करने शहर में निकल जाते हैं। जेल अधीक्षक मनोज साहू बताते हैं कि मध्यप्रदेश सरकार के कारागार अधिनियम 1944 में 2009 में संशोधन करके ये व्यवस्था शुरू की गई है। इस व्यवस्था का उद्देश्य अच्छे व्यवहार वाले कैदी सामान्य जीवन बिताएं और पारिवारिक दायित्व भी निभाएं इसके लिए किया गया।

इस जेल में कैसे मिलती है इंट्री

आपको बता दें कि इस जेल में हर कैदी को इंट्री नहीं मिलती। इस पहल का लाभ उन कैदियों को दिया जाता है। जिनकी 10 साल या इससे अधिक साल की सजा पूरी हो चुकी हो या फिर उसने अपनी सजा का दो तिहाई हिस्सा पूरा कर लिया हो। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि कैदी का आचरण और व्यवहार अच्छा हो। अपने परिवार के साथ इस जेल में जो कैदी रहना चाहते हैं, वो जेल विभाग में आवेदन करते हैं और फिर जेल विभाग की अनुसंशा पर प्रदेश की अलग-अलग जेलों से कैदी यहां अपने परिवार के साथ रहने पहुंचते हैं। नियम के मुताबिक कैदी होशंगाबाद के नगर पालिका क्षेत्र से बाहर काम करने नहीं जा सकते हैं और सूर्योदय के बाद इन्हें जेल से निकलने की अनुमति होती है और सूर्यास्त के पहले इन्हें जेल में अपनी हाजिरी देनी होती है।

Weird News inextlive from Odd News Desk

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