- लेसा के अभियंताओं-कर्मचारियों ने चलाया बिजली काटो अभियान

- संघर्ष समिति ने किया समर्थन, वृहद स्तर पर चलेगा आंदोलन

LUCKNOW: निजीकरण के खिलाफ आक्रोश और भी ज्यादा भड़क गया है। इसी कड़ी में लेसा के अभियंताओं और कर्मचारियों ने शनिवार को बिजली काटो अभियान चलाया और कई सरकारी बकाएदारों की बिजली काट दी। संघर्ष समिति ने भी इस अभियान का समर्थन किया है। आने वाले दिनों में विरोध के स्वर और भी अधिक मुखरित होने वाले हैं।

यहां की काटी बिजली

बिजली काटो अभियान के तहत इन सरकारी बकाएदारों की बिजली काटी गई।

महकमा बकाया राशि

न्यू विधायक निवास 11.65 लाख

दारुलसफा 5.99 करोड़

इंदिरा भवन 1.74 करोड़

जवाहर भवन 1.81 करोड़

राज्य अतिथि गृह, मीराबाई मार्ग 8.92 लाख

अति विशिष्ट अतिथि गृह 2.06 करोड़

विशिष्ट अतिथिगृह डालीबाग 3.02 करोड़

राज्य अतिथि गृह, विक्रमादित्य मार्ग 58.22 लाख

कुल बकाया 15.42 करोड़

छठे दिन भी प्रदर्शन जारी

संघर्ष समिति के आह्वान पर छठे दिन भी लखनऊ सहित प्रदेशभर में बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारी शैलेंद्र दुबे, राजीव सिंह, गिरीश पांडेय आदि ने ने कहा कि प्रदेश के सरकारी विभागों पर 10800 करोड़ का बकाया है और कितनी विडंबना है कि सरकार इन बकायों को अदा करने के बजाय घाटे के नाम पर बिजली के निजीकरण का निर्णय ले रही है। संघर्ष समिति ने कहा कि लखनऊ की तरह प्रदेश भर में सरकारी विभागों की बिजली काटने का अभियान और तेज किया जायेगा।

ऑफीसर्स एसोसिएशन ने दिया समर्थन

उप्र पावर ऑफीसर्स एसोसिएशन की प्रांतीय कार्य समिति की बैठक में निर्णय लिया गया है कि 27 मार्च को संघर्ष समिति के कार्य बहिष्कार संबंधी कदम का समर्थन किया जाएगा। एसोसिएशन के अध्यक्ष केबी राम, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, अति। महासचिव अनिल कुमार, सचिव आरपी केन आदि ने कहाकि निजीकरण के खिलाफ बिजली कार्मिकों में भारी रोष है।

निंदा प्रस्ताव लाकर विरोध

विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ की बैठक इंद्रलोक पॉवर हाउस, कृष्णानगर में हुई। जिसमें निंदा प्रस्ताव लाकर निजीकरण का विरोध किया गया। संघ के अध्यक्ष रामप्रताप, महामंत्री अशोक कुमार ने कहाकि ऊर्जा क्षेत्र में पिछले एक साल में सुधार हुआ है, बावजूद इसके निजीकरण किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महामंत्री ने बताया कि संगठन 27 मार्च को एक दिवसीय कार्य बहिष्कार कर विरोध दर्ज कराएगा। बैठक में कुंवर विक्रम सिंह, विनयकांत वर्मा, नीरज बघेल, प्रेमचंद्र आदि मौजूद रहे।