GORAKHPUR: गोरखपुर शहर की बिजली व्यवस्था को प्राइवेट एजेंसी के हवाले करने को लेकर बहस छिड़ गई है। योगी कैबिनेट के फैसले को कोई सही बता रहा तो कोई इसे गलत ठहरा रहा है। प्राइवेट फर्म को व्यवस्था सौंपे जाने की सूचना पर बिजली कर्मचारियों में उबाल आ गया है। शनिवार को पॉवर कारपोरेशन के कर्मचारियों ने चीफ इंजीनियर ऑफिस पर प्रदर्शन करके सरकार के फैसले का विरोध जताया। कर्मचारियों ने कहा कि इससे पूंजीपतियों को लाभ पहुंचेगा। पब्लिक को कोई फायदा नहीं मिल सकेगा। अलबत्ता बिजली का रेट पहले से महंगा हो जाएगा। जबकि इस सब का रखरखाव सरकार करेगी।

 

शहर में होगा इंतजाम, शुरू हुआ विरोध

बिजली विभाग को प्राइवेट करने के फैसले को लेकर विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति ने विरोध जताया। मोहद्दीपुर स्थित चीफ इंजीनियर ऑफिस पर पहुंचकर कर्मचारियों ने नारेबाजी की। टीके चंद के नेतृत्व में वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गुणवत्ता में सुधार करने और उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली देने की जगह प्राइवेट हाथों में देने से पूंजीपतियों को लाभ पहुंचेगा। निजीकरण से विभाग में खाली पदों पर बेरोजगारों की भर्ती नहीं हो सकेगी। इस दौरान संघ जिलाध्यक्ष कुलदीप श्रीवास्तव, बृजेश त्रिपाठी, अमित श्रीवास्तव, एके सिंह, एनके श्रीवास्तव, अनिल कुमार, अभिषेक सिंह, एश्वर्य सिंह, विकास झा, महेंद्र कुमार, शशि प्रकाश, आरके सिंह सहित कई कर्मचारी मौजूद रहे।

 

प्राइवेट कंपनी करेगी यह काम

- कंपनी की फ्रेंचाइजी नए कनेक्शन लगाएगी।

- उपभोक्ताओं के मीटर बदलने और लगाने का काम करेगी।

- मीटर रीडिंग करके उपभोक्ताओं का बिल बनाकर भेजेगी।

- उपभोक्ताओं के बिल का बकाया वसूलने की जिम्मेदारी निभाएगी।

- बिजली चोरी और लाइनलास का आंकड़ा कम हो जाएगा।

 

कर्मचारियों के तर्क

- मीटर रीडिंग काम का प्राइवेट कंपनी कर रही है।

- शहर में बिजली व्यवस्था का सुधार कार्य चल रहा है।

- विभिन्न जगहों पर तार, ट्रांसफार्मर, फीडर बनाए गए।

- प्राइवेटाइजेशन से खाली पदों पर नौकरी नहीं मिलेगी।

- पूर्व की अपेक्षा 22 से 24 घंटे की सप्लाई मिलने लगी है।

- प्राइवेट कंपनी के हाथों में वसूली से बिजली का बिल बढ़ जाएगा।

 

क्या कहती है पब्लिक

शहर में बिजली की व्यवस्था में सुधार हुआ है। कुछ सब स्टेशनों पर कर्मचारियों की मनमानी हावी है। लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं कि निजी फर्म के कर्मचारी पब्लिक के साथ ठीक से पेश आएंगे। बिल बनाने के लिए निजी एजेंसी की मदद ली जा रही है। फाल्स बिलिंग से सबको दौड़ना पड़ता है।

रिंकू, उपभोक्ता

 

प्राइवेट कंपनी सिर्फ अपने फायदे के लिए काम करेगी। इससे बिजली का रेट बढ़ना लाजमी है। इससे कर्मचारियों की मनमानी पर अंकुश तो लग जाएगा लेकिन निजी कंपनी सख्ती से पेश आएगी। जब पहले से सुधार कार्य चल रहे हैं तो ऐसे में शहर में इस व्यवस्था का कोई मतलब नहीं है।

- मनोज कश्यप, उपभोक्ता

 

निजी कंपनी के हाथों में व्यवस्था जाने से सुधार की गुंजाइश है। लेकिन इसका यह भी उपाय हो सकता है कि कर्मचारियों की मनमानी पर अंकुश लग जाएगा। कनेक्शन, बिल सुधारने और किसी अन्य समस्या के समाधान के लिए रुपए मांगने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो। इससे सारी व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी।

- राजेश नेभानी, उपभोक्ता

 

ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए जिससे उपभोक्ताओं को ठीक से सप्लाई मिल सके। उद्योग धंधों को चलाने के लिए बिजली की दरों में रियायत देना चाहिए। प्राइवेट कंपनी तामझाम से संसाधनों को बढ़ाएगी। पता नहीं उस हिसाब से पब्लिक को फायदा मिलेगा या नहीं, इसके बारे में कह पाना मुश्किल है।

- शाहिद, उपभोक्ता

 

हम लोग बिजली विभाग की मनमानी से तंग हैं। यदि इससे राहत मिल जाए तो इससे अच्छी क्या बात हो सकती है। शहर में बिजली की दशा में पहले से ज्यादा सुधार हुआ है। कर्मचारियों का रवैया सुधर जाए तो मजा आ जाएगा।

- सुरेश कुमार, उपभोक्ता