- ऑनलाइन शॉपिंग साइट के नाम पर करते थे फर्जीवाड़ा, 2ारीदारी की डेट बताकर जमाते थे विश्वास

- यूपी एसटीएफ की टीम ने दिल्ली के द्वारिका में 18 आरोपियों को किया अरेस्ट

LUCKNOW: ऑनलाइन शॉपिंग साइट मिन्त्रा में 2ारीदारी करने वाले कंज्यूमर्स को इनाम का लालच देकर ठगने वाले कॉलसेंटर का यूपी एसटीएफ की टीम ने राजफाश कर दिया। टीम ने मौके से 18 आरोपियों को अरेस्ट किया है। पुलिस ने मौके से 26 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, 280 पेज कंज्यूमर्स की 2ारीद संबंधी मिन्त्रा का डाटा, आठ बैंक खातों का विवरण, मिन्त्रा, अमेजन से डाटा प्राप्त होने वाली मेल का स्क्रीन शॉट बरामद किया। पुलिस ने गैंग के चार मास्टरमाइंड के अलावा स5ाी 14 कॉलसेंटर कर्मियों को मुचलके पर रिहा कर दिया है। वहीं, गैंग का सरगना व उसका 5ाई अब 5ाी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

सात हजार से ज्यादा को बनाया शिकार

एएसपी एसटीएफ डॉ। अरविंद चतुर्वेदी के मुताबिक, मिन्त्रा ऑनलाइन के नेशनल नोडल सि1योरिटी ऑफिसर कैप्टन राज ने एसटीएफ को शिकायत की कि एक गैंग मिन्त्रा ऑनलाइन के कंज्यूमर्स को फर्जी ढंग से इनाम का झांसा देकर रुपये ठग रहा है। शिकायत पर जब एसटीएफ की टीम ने जांच की तो पता चला जिन कंज्यूमर्स को ठगा गया है, उन्हें जालसाजों ने मिन्त्रा साइट से सामान 2ारीदने की डेट व डिटेल बताकर विश्वास जमाया और उन्हें लकी ड्रॉ निकलने का झांसा दिया। इसके बाद इनाम हासिल करने के एवज में रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस, कोरियर के नाम पर बैंक अकाउंट में रुपया जमा कराया जाता था। रकम जमा कराने के बाद जालसाज शिकार का फोन उठाना बंद कर देते थे। इसे लेकर ठगे गए 7 हजार से ज्यादा कंज्यूमर्स ने बीती 8 दिसंबर तक मिन्त्रा की हेल्पलाइन में शिकायतें दर्ज कराई थीं।

डिजिटल एनेलेसिस से पहुंचे कॉलसेंटर

कंपनी से मिले डाटा के आधार पर एसटीएफ टीम को पता चला कि जालसाज लोगों को शिकार बनाने के लिये बल्क कालिंग कर रहे हैं। ऐसा सिर्फ कॉलसेंटर से ही सं5ाव है। डिजिटल एनेलेसिस के आधार पर पता चला कि यह कॉलसेंटर दिल्ली के द्वारिका में संचालित किया जा रहा है। जिसके बाद एसटीएफ टीम ने दिल्ली पुलिस की मदद से द्वारिका स्थित फर्जी कॉल सेंटर में छापेमारी कर वहां मौजूद 18 युवक-युवतियों को दबोच लिया। हिरासत में लिये गए कॉल सेंटर कर्मियों ने बताया कि कॉल सेंटर संचालक योगेंद्र चौधरी मिन्त्रा डॉट कॉम से उनके कंज्यूमर्स का डाटा हासिल कर लेता था। इसके बाद वह कॉल सेंटर कर्मियों के जरिए उन्हें कॉल कर इनाम में टाटा सफारी जीतने की सूचना देकर उनसे बैंक अकाउंट में रुपये जमा करा लेते थे। एएसपी चतुर्वेदी ने बताया कि योगेंद्र के साथ उसका 5ाई संदीप चौधरी इस पूरे फर्जीवाड़े को संचालित करता था। जो अब 5ाी फरार हैं। इस फर्जीवाड़े में दोनों 5ाइयों की मदद उसके मैनेजर दिल्ली निवासी रत्‍‌नेश गुप्ता, आबिद अली, रितिक और उधम बालियान करते थे। पुलिस ने उन चारों को अरेस्ट कर जेल 5ोज दिया जबकि, बाकी 14 कॉल सेंटरकर्मियों को मुचलके पर रिहा कर दिया।