-एंबुलेंस निकलने का भी नहीं मिल रहा रास्ता

-दस मिनट का सफर तय करने में लग जाता है एक घंटा

-पब्लिक और पेशेंट के परिजनों के गुस्से का शिकार बनते हैं एम्बुलेंस ड्राइवर

ALLAHABAD: शहर में हर तरफ सड़कें खोद दी गई हैं। आलम यह है कि एक तरफ इसके चलते लोग मरीज हो रहे हैं। दूसरी तरफ कंस्ट्रक्शन वर्क के चलते लगने वाले जाम से मरीजों का हॉस्पिटल तक पहुंचना मुहाल हो गया है। शहर में किसी भी तरफ निकल जाइए, एक-दो एंबुलेंस जाम में फंसी हुई तो मिल ही जाएंगी।

बन गया बड़ा चैलेंज

वर्तमान समय में पुराने शहर विशेष तौर पर राजरूपपुर से हिम्मतगंज, खुल्दाबाद, लूकरगंज, शाहगंज, खुल्दाबाद, मुट्ठीगंज, चौक, लीडर रोड, जानसेनगंज, हीवेट रोड पर खोदाई चल रही है। इन सड़कों की जो स्थिति है, उसमें अगर किसी गंभीर मरीज को लेकर एम्बुलेंस हॉस्पिटल के लिए निकले तो हॉस्पिटल पहुंचने से पहले मरीज के साथ अनहोनी हो सकती है। ऐसा हम नहीं बल्कि मरीजों को लेकर जाने वाले एम्बुलेंस ड्राइवरों का कहना है जो हर दिन जाम झेलते हुए मरीजों को हॉस्पिटल तक पहुंचाते हैं। इस दौरान उन्हें कभी जाम में फंसी पब्लिक का गुस्सा बर्दाश्त करना पड़ता है तो कभी मरीज के परिजनों की बात सुननी पड़ती है।

क्या कहते हैं एम्बुलेंस ड्राइवर

शहर की मुख्य सड़कों पर जाम लगना तो बहुत पुरानी बीमारी है। लेकिन इन दिनों खोदाई के चलते यह बीमारी और बढ़ गई है। इसकी वजह से जाम में जैसे सारी गाड़ी फंसी रहती है, उसी तरह एंबुलेंस की खड़ी रहती है। लोग रास्ता देने के बजाय अगल-बगल में अपनी गाड़ी लगा देते हैं।

-राजेंद्र कुमार

एंबुलेंस ड्राइवर

जाम में एम्बुलेंस के लिए रास्ता मिलने को कौन कहे, कई बार तो हम लोग मार खा चुके हैं। एम्बुलेंस में सवार बीमार आदमी की जान बचाने के लिए हम जल्दबाजी करते हैं। लेकिन पब्लिक नहीं समझती है। जाम का गुस्सा हमीं पर उतार देती है।

-प्रशांत श्रीवास्तव

एम्बुलेंस ड्राइवर

करीब एक वर्ष पहले जाम में फंसने के कारण ही एम्बुलेंस में सवार एक बीमार व्यक्ति की मौत हो गई थी। उसकी हालत गंभीर थी। तत्काल इलाज मिलता तो जान बच जाती, लेकिन हॉस्पिटल पहुंचते-पहुंचते उसकी मौत हो गई थी।

-भीमा पांडेय

एम्बुलेंस ड्राइवर

जाम में पास मांगने के लिए हॉर्न और हूटर बजाते हैं, इसके बाद भी लोगों पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। जाम में फंसने के दौरान अगर ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो जाए तो मरीज की जान भी जा सकती है। लेकिन लोग यह बातें नहीं समझते हैं।

-हरीकुश

एम्बुलेंस ड्राइवर