-फ‌र्स्ट टाइम एचबीटीआई की काउंसिलिंग एनआईटी, ट्रिपल आईआईटी से पहले हुई

-एचबीटीआई की सीटें ज्यादा खाली रहने की आशंका, एनआरआई कोटे में भी 9 सीटें खाली

KANPUR: यूपीटीयू ने पहली बार एनआईटी और ट्रिपल आईआईटी से पहले काउंसिलिंग कराई है। जिससे एचबीटीआई की सभी सीटें फुल भी हो गईं। लेकिन इंस्टीट्यूट के ही कुछ सीनियर फैकल्टी मेंबर्स की मानें तो पहले काउंसिलिंग कराना यूपीटीयू खासकर एचबीटीआई के लिए महंगा सौदा साबित हो सकता है। उनका मानना है कि एनआईटी और ट्रिपल आईआईटी की काउंसिलिंग के बाद जाहिर तौर पर बहुत से स्टूडेंट्स की प्रॉयोरिटी उनमें से एक ही होगी, ऐसे में एचबीटीआई की कई सीट्स वेकेंट रह जाने की आशंका बढ़ गई है। अगर ऐसा होता है तो संस्थान गहरे आर्थिक संकट की चपेट में आ जाएगा। पहले ही संस्थान को एनआरआई कोटे की सीट्स पर हर साल 36 लाख रुपयों का घाटा सहना पड़ रहा है।

एकेडमिक कैलेंडर 3 जुलाई से

यूपीटीयू के वाइस चांसलर प्रो। ओंकार सिंह ने बताया कि यह पहला मौका है, जब यूपीटीयू की काउंसिलिंग एनआईटी और ट्रिपल आईआईटी से पहले कराई गई है। पहले आईआईटी और एनआईटी, ट्रिपल आईआईटी की काउंसिलिंग हो जाती थी। इसके बाद यूपीटीयू काउंसिलिंग कराता था। इसकी वजह से एकेडमिक सेशन लेट हो जाता था। इस बार यूपीटीयू के कॉलेजों में 31 जुलाई से क्लासेज शुरू कराने की तैयारी की गई है।

अभी तो सभी सीट्स फुल हैं

एचबीटीआई के डिप्टी रजिस्ट्रार प्रो। एसके शर्मा ने बताया कि एचबीटीआई की फ‌र्स्ट राउंड में सभी 480 सीटें फुल दिखाई जा रही हैं। लेकिन इस बात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि इस बार पहले काउंसिलिंग कराने का खामियाजा भी एचबीटीआई को भुगतना पड़ सकता है। पहले आईआईटी, एनआईटी और ट्रिपल आईआईटी की काउंसिलिंग होती थी, जिसकी वजह से आखिरी में एचबीटीआई की सीटें खाली रहने की संभावना कम रहती थी। लेकिन इस बार यूपीटीयू ने च्वॉइस फिलिंग जून माह में ही करवा दी थी।

बढ़ सकती है परेशानी

इंस्टीट्यूट सोर्सेज की मानें तो एचबीटीआई को एक एनआरआई सीट के एडमिशन में करीब 4 लाख रुपए एक साल का मिलता है। चार साल में एक एनआरआई से 16 लाख रुपए संस्थान को मिलता है। इंस्टीट्यूट में एनआरआई कोटे में करीब 25 सीटें हैं। इस बार इस कोटे में 16 स्टूडेंट्स ने एडमिशन लिया है। इसके अलावा एक लोकल स्टूडेंट्स से एक साल की फीस 58 हजार रुपए ली जाती है। गौरतलब है कि स्टूडेंट्स की ट्यूशन फीस से ही फैकल्टी को वेतन दिया जाता है। अगर कुछ रकम कम पड़ती है तो उसे गवर्नमेंट पूरा करती है, लेकिन इस बार आर्थिक संकट के बढ़ जाने से परेशानी भी बढ़ सकती है।

एचबीटीआई को कह सकते हैं अलविदा

एमएचआरडी की वजह से इस बार आईआईटी, एनआईटी व ट्रिपल आईआईटी की च्वॉइस फिलिंग 1 से 6 जुलाई के बीच कराई गई है। यह पहला मौका है जब जोसा की वेबसाइट पर तीनों संस्थानों की च्वॉइस फिलिंग हुई है। स्टूडेंट्स को इन संस्थानों में सीट पर सहमति का समय 8 से 12 जुलाई के बीच दिया गया है। यही वजह है कि जिन स्टूडेंट्स को एनआईटी व ट्रिपल आईआईटी में एडमिशन मिल जाएगा, वह एचबीटीआई को अलविदा कह देगा।

यूपीटीयू ने जो पहले काउंसिलिंग कराई है, उसका असर एचबीटीआई की सीट्स पर पड़ेगा। अगर सीट्स खाली रहेंगी तो फिर आर्थिक संकट भी आ सकता है। इसका हल यही होगा कि स्टूडेंट्स को सेकेंड काउंसिलिंग का मौका दिया जाए। इस मामले पर यूपीटीयू के वीसी से बात करेंगे।

-प्रो। एके नागपाल, एचबीटीआई डायरेक्टर