LUCKNOW: मंगलवार को जिलाधिकारी राजशेखर ने आठवीं क्लास तक स्कूलों को मौसम खराब होने के अनुमान से ही बंद कर दिया। डीएम साहब का बच्चों के लिए शायद यही कंसर्न रहा होगा कि बच्चे बारिश में स्कूल कैसे पहुंचेगे। वहीं तस्वीर का दूसरा पहलू देखना हो तो सिटी के चमकदार स्कूलों से जरा हटकर सरकारी स्कूलों की तरफ नजर दौड़ानी होगी। जहां पूरे बरसात के सीजन में स्कूल में टपकती छतों के बीच बच्चे अपना भविष्य संवारने को मजबूर हैं। यही नहीं स्कूल तक पहुंचना भी इन नौनिहालों के लिए टेढ़ी खीर है। ऐसे में क्या डीएम साहब इन स्कूलों की तरफ भी आपकी नजर-ए-इनायत नहीं होना चाहिए।

कीचड़ में फंसा बच्चों का भविष्य

एक ओर प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को स्कूल मैनेजमेंट की ओर से स्कूल लाने और ले जाने के लिए बस और दूसरे ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था होती है। इसके अलावा स्कूल में बैठने व बारिश से बचाव के लिए बेहतर व्यवस्था होती है। वहीं राजधानी में संचालित बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों का हाल तो काफी बुरा है। इन स्कूलों में एक ही दिन की बारिश ने इन्हें जलमग्न कर देती है। स्कूल के अंदर कीचड़ व गंदगी का अंबार लग जाता है। इस ओर किसी की नजर नहीं जाती। आलम यह कि अंदर जाने वाले रास्ते पर कहीं जलभराव तो कहीं मवेशियों का जमावड़ा, कहीं टूटे गेट और बाउंड्रीवॉल हैं।

एक ही दिन की बारिश में बना तालाब

अव्यवस्था का आलम यह है कि कई स्कूलों के पूरे कैंपस में पिछले दिनों बारिश का पानी अभी तक भरा है। कई जगह तो पूरा कैम्पस ही तालाब बन गया है। कई ऐसे स्कूल भी हैं, जहां बड़ी-बड़ी झाडि़यां और गंदगी के ढेर हैं। यह स्थिति तब है जबकि स्कूल खुल चुके हैं। टीचर्स स्कूलों में आकर साफ-सफाई करवाते हैं। बच्चों के आने से पहले सभी व्यवस्था सही करनी होती है। लेकिन स्कूलों में तैनात टीचर्स और बच्चों की हमेशा चिंता करने वाले जिला प्रशासन के अधिकारियों को स्कूलों में फैली गंदगी दिखाई नहीं दे रही है।

स्कूल तक कैसे पहुंचेंगे बच्चे

प्राथमिक विद्यालय छावनी मडि़यांव के स्टूडेंट्स का सत्र पहले एक जुलाई से शुरू होना था। लेकिन डीएम के आदेश के बाद स्कूल बंद कर दिए गए। एक जुलाई को केवल पहले दिन टीचर्स को स्कूल आना था। पर यहां पर जो हालात थे उसे देखकर टीचर्स बिना स्कूल खोल गेट से ही वापस लौट गए। पिछले दिनों हुई बारिश के कारण स्कूल की मेन बिल्डिंग तक पहुंचने का रास्ता तक नहीं था। गंदगी और कीचड़ से होकर स्कूल के अंदर पहुंचना पड़ा क्योंकि बरसात के चलते स्कूल कैम्पस में भीषण गंदगी और पानी भरा हुआ है। कुछ ऐसा ही हाल पूर्व माध्यमिक स्कूल छावनी मडि़यांव का भी है। यहां स्कूल कैम्पस में कीचड़ और गंदगी होने की वजह से बदबू आ रही है। प्राथमिक विद्यालय बटहा सबौली भी गंदगी व कीचड़ से घिरा हुआ दिया है। यहां तो स्कूल कैम्पस में बरसात का पानी भर गया है। साथ ही कीचड़ भरा है।

टूट पड़े है गेट व बाउंड्रीवाल

प्राथमिक विद्यालय आलमनगर व मदेयगंज का हाल यह है स्कूल कैम्पस के बाहर गंदगी व जलभराव, दीवारों में सीलन टूटे पड़े गेट व बाउंड्रीवाल स्कूल की बदहाली बताने को काफी है। अव्यवस्थाओं के खुलने वाले इस स्कूल में स्टूडेंट्स को काफी प्रॉब्लम का सामना करना पड़े़गा। स्कूल में आलमनगर फ्लाई ओवरब्रिज के निर्माण के कारण गंदगी व जलभराव है। यहां लगे हैंडपंप के पास गंदगी फैली है और बच्चों को कीचड़ से होकर क्लास तक जाना पड़ेगा। कुछ ऐसा ही हाल प्राथमिक स्कूल मदेयगंज पक्काबाग का है। यहां पर स्कूल की बाउंड्रीवाल के पास काफी गंदगी फैली है। स्कूल में बड़ी-बड़ी घास उग आई है।

बढ़ी घास व झाड़ी से होकर गुजरेंगे बच्चे

सरोजनीनगर के गहरू गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय कैम्पस में गंदगी भरी है। देखरेख के अभाव में कैम्पस में बड़ी-बड़ी घास व झाड़ी उग आई है। यहां के मक्काखेड़ा के परिषदीय स्कूल की बाउंड्रीवाल गिर चुकी है। साथ ही भवन में लगे दरवाजे वे खिड़कियां तक गायब हो गई है। स्कूल कैम्पस में काफी गंदगी कायम है। एडी बेसिक महेंद्र सिंह राणा ने स्कूल खुलने से पहले सभी स्कूलों को साफ-सफाई के आर्डर जारी किए थे। पर पूर्व से निर्धारित एक जुलाई से स्कूल खुलने के दिन तक साफ-सफाई तो दूर पिछले दिनों हुए बारिश के कारण इन स्कूलों में जमा बारिश का पानी व गंदगी को साफ नहीं किया गया है।

लॉमार्टिनियर पुरवा में स्कूल के रास्ते पर नाली का पानी

मुख्यमंत्री आवास से ठीक एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित लॉमार्टिनियर पुरवा प्राथमिक स्कूल का हाल तो काफी बुरा है। पिछले दिन हुए बारिश के कारण इलाके के नालियां जाम हो गई है। आलम यह है कि नाले का पानी सड़कों में फैला हुआ है। इसे कई तरह की बीमारियों का खतरा मड़रा रहा है। पर जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री आवास के पास स्थित इस स्कूल जाने के रास्ते की गंदगी नहीं दिख रही है। वह राजधानी के अमीनाबाद प्राथमिक स्कूल के मेन गेट पर कूड़ा घर बना हुआ है। पिछले दिनों हुए बारिश के कारण कूड़ा घर की गंदगी रोड पर फैली हुई है। साथ कूड़े से उठ रही बदबू ने पूरे इलाके के लोगों का जिना मुहाल किया हुआ है। ऐसे में अगर आने वाले दिनों में भी इस जगह की साफ सफाई नहीं की गई तो इस स्कूल में बच्चों की पढ़ाई तो दूर यहां पर उठना बैठना भी दूभर हो जाएगा।