आगरा। बाबुओं की कारगुजारी के चलते युवक सालों से मकान के नामांकन के लिए निगम के चक्कर लगा रहा है, लेकिन अब तक उसकी समस्या का निस्तारण नहीं किया गया। पीडि़त थकहार उप नगरायुक्त के पास पहुंचा, लेकिन यहां से निर्देश होने के बाद भी उसे राहत नहीं मिली।

कागजातों में नाम बदलवाने के लिए लगा रहा चक्कर

मंशादेवी गली राजामंडी निवासी प्रमोद कुमार गौड़ पुत्र स्व। रमेश शंकर प्राइवेट जॉब करता है। वह वर्ष 2012 में अपने मकान के नामांकन के लिए नगर निगम आया था। उसके मकान में किरायेदार रहते थे, जिन्होंने सेटिंग से अपने नाम मकान के कागज बनवा लिए। वह कागजों में अपना नाम चढ़वाना चाहता है। जब वह अधिकारियों से मिला, तो उसे जोनल ऑफिस लोहामंडी भेज दिया, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई। यहां से वहां चक्कर काट-काटकर वह परेशान हो गया।

फिर से थमा दिया नंबर

पीडि़त बुधवार को अपनी मां शारदा के साथ निगम पहुंचा। उप नगरायुक्त अनिल कुमार से मिला। उप नगरायुक्त ने संबंधित अधिकारी को समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए। बावजूद इसके उसकी समस्या का निस्तारण नहीं हो सका। पीडि़त का कहना था कि अब तक समस्या का समाधान नहीं किया गया है। उप नगर आयुक्त ने जो लेटर दिया था पहले तो संबंधित बाबू उसे रिसीव करने में ही आनाकानी कर रहा था। लेटर रिसीव किया, लेकिन काम नहीं किया।