PATNA : ठंड का मौसम हृदय रोगियों के लिए काफी घातक होता है। ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ती है। लापरवाही मौत का कारण बन जाती है। इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में हृदय रोगियों की संख्या सामान्य दिनों से दोगुना से भी अधिक हो गई है। डॉक्टरों का कहना है कि जिनकी दवाएं चल रही थी वह तो इलाज के लिए आ रहे हैं अधिक संख्या में नए मरीज भी भर्ती हो रहे हैं। पटना के इस बड़े अस्पताल में ठंड के मौसम में मरीजों की भीड़ के साथ डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप भी लग रहा है। एक सप्ताह में आधा दर्जन से अधिक मरीजों की मौत हुई है जिसमें लापरवाही का आरोप लगा है।

-40 वर्ष से ऊपर वाले रहें सचेत

डॉक्टरों का कहना है कि ठंड में खून गाढ़ा हो जाता है जिससे इसका संचार कम हो जाता है। रक्त संचार कम होने से शरीर का हर अहम अंग प्रभावित होता है। इसका सीधा असर हृदय पर पड़ता है। 40 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए काफी दिक्कत होती है और उन्हें नियमित चेकअप के साथ अन्य कई सावधानियां बरतनी होगी।

-आईजीआईसी में भी राहत नहीं

इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान भी मरीजों को राहत नहीं दे पा रहा है। संस्थान को हृदय रोगियों को राहत पहुंचाने के लिए बनाया गया लेकिन यहां डॉक्टरों की मनमानी से इमरजेंसी में मरीज दम तोड़ रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता रितु चौबे ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य मंत्री से की है। उनका आरोप है कि डॉक्टरों की मनमानी से मरीजों का उपचार सही से नहीं हो पा रहा है और उन्हें प्राइवेट अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है।

-न्यूरो सिस्टम को लेकर रहें गंभीर

ठंड में न्यूरो सिस्टम को सही रखने के लिए बीपी को हमेशा नियंत्रित करना आवश्यक है। ठंड के मौसम में शुगर और ब्लड प्रेशर के मरीजों को हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए। थोड़ी सी भी चूक पर लकवा की समस्या हो सकती है। अगर ठंड में शरीर में अकड़न या फिर किसी अंग में सनसनी हो तो तत्काल डॉक्टर से सम्पर्क करें। न्यूरो से संबंधित किसी भी समस्या को लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए क्योंकि इसका सीधा अटैक ब्रेन पर होता है जो काफी घातक है।

ठंड में धमनियां सिकुड़ जाती हैं जिससे शरीर के हर अंग को सही मात्रा में ब्लड नहीं मिल पाता है। ब्लड प्रेशर बढ़ना और अन्य परेशानी होना आम बात है। इसलिए इस मौसम में न्यूरो से जुड़ी समस्या को लेकर गंभीर रहें।

डॉ अखिलेश सिंह, न्यूरो फिजीशियन