भीषण गर्मी में बिजली का संकट झेलने को हो रहे हैं मजबूर हैं शहरवासी

24 घंटे का दावा फेल, औसतन 18 घंटे ही मिल पा रही है बिजली

VARANASI:

उमस भरी गर्मी से निजात पाने की लोगों की कोशिश नाकाम हो रही है। इसकी वजह बन रही है बिजली की बेवक्त आवाजाही। इसके चलते गर्मी दूर करने के सारे उपाय ठंडे पड़े हुए हैं। पंखा हिल पा रहा न ही कूलर डोल पा रहा है। ठंड का दंभ भरने वाले एसी, फ्रिज भी कोने में निर्जीव से पड़े हैं। बनारस में ख्ब् घंटे बिजली सप्लाई का विभाग का दावा गलत साबित हो रहा है। हालांकि अपना पल्ला झाड़ते हुए बिजली विभाग के अधिकारी सारी गड़बड़ी का दोष ओवर लोड के सिर मढ़ रहे हैं।

गुपचुप कर रहे हैं खेल

शहरवासियों को बिजली न मिलने का सबसे बड़ा कारण लोकल व्यवस्था दुरुस्त न होना है। जबकि अधिकारी ओवर लोड को सप्लाई प्रभावित होने का कारण बता रहे हैं। उनका कहना है कि ओवरलोड के चलते ट्रांसफार्मर्स ट्रिप कर जा रहे हैं। रही सही कसर लोकल फाल्ट पूरी कर दे रहा है। जबकि हकीकत यह है कि लेढूपूर और कैंट को सप्लाई देने वाले सिर्फ एक क्म्0 एमवी ट्रंासफार्मर के बदौलत ही व्यवस्था चलाई जा रही है। दूसरा ट्रांसफार्मर खराब है। विभाग पीक आवर में अलग-अलग समय में फीडरवार कटौती कर लोड बैलेंस कर रहा है। जिसका नतीजा है कि अलग-अलग इलाकों में कहीं बिजली क्म् घंटे तो कहीं क्8 घंटे ही मिल पा रही है।

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कम से कम ख्0 घंटे तो दो बिजली

बिजली की बदहाल आपूर्ति के विरोध में काशी विद्यापीठ के स्टूडेंट्स का गुस्सा शुक्रवार को फूट पड़ा। छात्र नेता शशांक सिंह रघुवंशी की अगुवाई में दर्जनों की संख्या में स्टूडेंट्स ने काशी विद्यापीठ सबस्टेशन के सामने बिजली विभाग का पुतला फूंका। उनकी मांग थी कम से विभाग ख्0 घंटे बिजली उपलब्ध कराये। ऐसा न होने की स्थिति में आंदोलन को बाध्य होंगे। इधर पाण्डेयपुर सबस्टेशन में ख्भ्0 केवीए का एक ट्रांसफार्मर खराब है। जिसकी वजह से पूरे इलाके में बिजली सप्लाई बाधित है। क्षेत्रीय लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।