RANCHI (3 Nov): जीएसटी में रिटर्न फाइल करने की डेट फ्0 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। इसके बावजूद बहुत सारे ऐसे व्यवसायी हैं, जो रिटर्न फाइल नहीं कर पा रहे हैं। किसी को प्रॉसेस समझ नहीं आ रहा है, तो कोई कागजों में ही उलझा हुआ है। ऐसे में जीएसटी एक्सपर्ट संदीप गोयल ने तीन सुझाव दिए हैं, जिसपर अमल कर जीएसटी रिटर्न फाइल की अड़चनों को बहुत हद तक दूर किया जा सकता है.

1. प्रॉसेस समझने को मिले हैंडबुक

संदीप गोयल बताते हैं कि कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट को चाहिए कि जो कंप्यूटर नहीं जानते हैं उनको पढ़ने के लिए हैंडबुक उपलब्ध कराए। साथ ही उनको कंप्यूटर भी सिखाने की जरूरत है। एक बार जब कंप्यूटर से रिटर्न दाखिल करने का प्रॉसेस जान जाएंगे, तो नेक्स्ट टाइम से खुद से फाइल करने लगेंगे। विभाग को व्यवसायियों को एजुकेट करने की जरूरत है। अगर सही तरीके से सबकुछ सिखा दिया जाए, तो एक बार के बाद दोबारा किसी को परेशानी नहीं होगी.

 

2. सेपरेट अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर मिले

जीएसटी एक्सपर्ट संदीप का कहना है कि जीएसटी रिटर्न फाइल करने के लिए अलग से अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर डेवलप करने की जरूरत है, ताकि इससे सभी को सुविधा हो। अगर किसी व्यवसायी को एक डेमो के रूप में एक सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराया जाए, तो वो पहले इसमें डेमो करके अपना रिटर्न फाइल करेगा। जब वो सही तरीके से हो जाए उसके बाद जीएसटी के मेन साइट पर रिटर्न फाइल करे.

 

3. वेबसाइट पर स्टेप बाइ स्टेप जानकारी हो

अभी जो जीएसटी की वेबसाइट है, उसपर रिटर्न फाइल करने के क्रम में कुछ गलत भी हो जाए तो परेशानी होने लगती है। ऐसे में पहले जीएसटी की वेबसाइट को ईजी बनाया जाए, ताकि वो आम लोगों के लिए एक्सेसेबुल हो। जीएसटी पोर्टल पर इंग्लिश के साथ-साथ लोकल लैंग्वेज भी डाला जाए, ताकि जो जिस भाषा को जानता है उसको समझने में आसानी हो। जीएसटी की वेबसाइट पर भी सारी जानकारी और प्रॉसेस स्टेप बाइ स्टेप बताए जाएं, ताकि लोग इसके बारे में अच्छी तरह जान सकें। साथ ही सभी जगह सेमिनार करके इसके बारे मे समझाया जाए।