रातभर मोर्चे पर डटे रहे डीएम और कमिश्नर

अधीनस्थ अधिकारियों को दी गई थी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

ALLAHABAD: बात सोलह आने सही है। कार्यक्रम अधिकारिक तौर पर विश्व हिंदू परिषद का था लेकिन व्यवस्था पूरी तरह प्रशासनिक थी। पूरा प्रशासनिक अमला कार्यक्रम को सफल बनाने में जी जान से जुटा था। यहां तक कि जिले के आलाधिकारी गुरुवार की पूरी रात मोर्चे पर डटे रहे। विहिप के पदाधिकारियों ने प्रशासनिक अमले को समय-समय पर जरूरी सलाह जरूर दी।

चारों जिले के अधिकारियों की ड्यूटी

शुक्रवार को परेड मैदान पर हुए विहिप के संत सम्मेलन में सीएम योगी आदित्यनाथ का आगमन पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के लिए किसी चुनौती से कम नही था। मंडल के चारों जिलों के अधिकारियों को कार्यक्रम की व्यवस्था में तैनात किया गया था। खुद कमिश्नर डॉ। आशीष गोयल ने बागडोर थामने में कोई कसर नही छोड़ी। एक दिन पहले मुख्य सचिव राजीव कुमार ने संगम भ्रमण के दौरान कमिश्नर और डीएम को जरूरी दिशा निर्देश दे दिए थे।

बर्दाश्त नही थी संतों की नाराजगी

चूंकि कार्यक्रम संतों का था इसलिए अधिकारियों को उनकी सेवा सुश्रुषा के पूरे आदेश मिले थे। मंच पर विराजमान संतों की प्रत्येक बात को प्रशासनिक अधिकारियों ने पूरी तन्मयता सुना और मांगों को पूरा भी किया। जब तक सीएम मंच पर नही आ गए, तमाम विभागों के अधिकारियों को संतों के आसपास व्यवस्था के लिए लगाया गया था। पांडाल और कुर्सियों को भगवा रंग में रंगने में भी प्रशासन ने कोई कसर नही छोड़ी।

दो दिन से अटकी थी सांसें

विहिप के कार्यक्रम में सीएम के आगमन की अधिकारिक सूचना मिलने के बाद से ही अधिकारियों के हाथ पांव फूले हुए थे। यही कारण था कि वह व्यवस्था में कोई कोर कसर नही छोड़ना चाहते थे। अधिकारियों ने आगे बढ़कर खुद पूरे कार्यक्रम की व्यवस्था में हाथ में ले ली थी। पिछले कुछ दिनों से प्रशासनिक अधिकारी लगातार विहिप के शिविर में डटे हुए थे।